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आखिर मुसलमान कब तक इस तरह के भड़काऊ बयानबहादुरों के जाल में फंसे रहेंगे ?
दिसम्बर के शुरू होते ही ये दो पंक्तियाँ कई लोगों की वाल पर दिखीं- ” बाबरी मस्जिद हम शर्मिंदा हैं तेरे क़ातिल अब तक ज़िंदा हैं...