डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। रेलवे के मुताबिक सभी स्टेशनों से टिकट काउंटर (Ticket Counter) बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद लोगों के पास सिर्फ ऑनलाइन टिकट बुकिंग (Online Ticket Booking) का विकल्प ही होगा। यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगी, जिसके तहत सभी टिकट काउंटरों को एक साथ बंद नहीं किया जाएगा।
इसके पूरा होने के बाद आईआरसीटीसी (IRCTC) के द्वारा सभी प्रकार की टिकट सेवाएं संचालित की जाएंगी। जिससे इसे काफी ज्यादा फायदा होगा। यह भी एक प्रकार से निजीकरण (Privatisation) के रास्ते पर जाने की सरकार की छोटी सी कोशिश है।
क्या है पूरा रोडमैप?
भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने यह फैसला लिया है कि देश के सभी स्टेशनों से टिकट काउंटर बंद कर दिए जाएंगे। इसे एक साथ न करके धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। रेलवे के टारगेट के मुताबिक इस साल के आखिर तक 300 टिकट काउंटर बंद कर दिए जाएंगे। इस फैसले से पहले रेलवे ने संसदीय समिति से सलाह मांगी थी।
इसके होने से लोग केवल ऑनलाइन टिकट बुकिंग ही करेंगे और आईआरसीटीसी (IRCTC) पर काफी हद तक निर्भर होंगे। इससे पहले भी रेलवे ने अपनी कुछ सेवाएं निजीकृत (Privatise) करते हुए आईआरसीटीसी (IRCTC) को उसकी जिम्मेदारी दी है।
आम जनता पर प्रभाव
आज भारतीय रेलवे की लगभग 70% टिकट बुकिंग ऑनलाइन ही होती है। मगर टिकट काउंटर का अपना अलग औचित्य है। प्लेटफार्म टिकट (Platform Ticket) जैसी बुकिंग आज भी लोग टिकट काउंटर से सबसे ज्यादा करते हैं। कई बार इमरजेंसी में लोग टिकट काउंटर का सहारा लेते हैं।
कई प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो ऑनलाइन दुनिया से अभी कोसों दूर है, वह भी टिकट काउंटर पर आश्रित रहते हैं। काउंटर पूरी तरह से बंद करने से इन लोगों को काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।