गुरुवार (16 अगस्त) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MODI) अफ्रीका एवेन्यू में बने नए रक्षा परिसर में एक समारोह में पहुंचे। समारोह में ” नए भारत की आकांक्षाओ की बात करते हुए मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में भारत की आकांक्षाओ और ज़रूरतों को पूरा करने लिए देश की राजधानी के विकास की ओर महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि रक्षा मंत्रालय के दो नए परिसर बनाए गए हैं। इनमें एक कस्तूरबा गांधी मार्ग और दूसरा अफ्रीका एवेन्यू में बनाया गया है। जिसके उद्घाटन के लिए गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी अफ्रीका एवेन्यू पहुंचे थे। समारोह के दौरान तीनों सेनाओं के प्रमुख, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और आवास और शहरी मामलो के मंत्री हरदीपसिंह पूरी भी मौजूद थे।
करोड़ो की लागत से बने है नए परिसर:
समारोह में मोदी ने कहा कि, सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत 775 करोड़ की लागत से दोनों रक्षा परिसरों का निर्मण किया गया है। मोदी ने कहा ये आधुनिक कार्यलय राष्ट्र की सुरक्षा से संबंधित कार्यो को प्रभवि ढंग से करने में एक लंबे सफर को तय करेंगे।
हमने सरकार में एक नया वर्क कल्चर लाने का ईमानदारी से प्रयास किया है, ताकि देश की संपत्ति और संसाधन बर्बाद ना हों, Professionalism और Efficiency हो।
— Narendra Modi (@narendramodi) September 16, 2021
जो डिफेंस ऑफिस कॉम्पलेक्स बनाए गए हैं, वो वर्क कल्चर में आए बदलाव और सरकार की प्राथमिकता का ही प्रतिबिंब हैं। pic.twitter.com/otInRnDbXJ
नए रक्षा परिसरों को राजधानी में आधुनिक रक्षा इन्क्लेव के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। प्रधानमंत्री ने कहा, ये रक्षा परिसर ,रक्षा मंत्रालय के कामो को न केवल अधिक सुविधाजनक बनाएंगे बल्कि सामरिक सुरक्षा को प्रभवि बनाने के प्रयासों को मजबूती भी देंगे।
राजधानी को बताया दृढ़ संकल्प और संस्कृति का प्रतीक :
मोदी ( modi) ने कहा कि, जब हम राजधानी की बात करते हैं, तो केवल एक शहर नहीं होता। देश की राजधानी, देश की सोच, दृढ़ संकप्ल, ताकत और संस्कृति का प्रतीक होती है। भारत देश लोकतंत्र का जनक है, इये यहां की राजधानी को ऐसा होना चाहिए जहां जनता और लोग केंद्र में है।
किसी भी देश की राजधानी उस देश की सोच, संकल्प, सामर्थ्य और संस्कृति का प्रतीक होती है।
— Narendra Modi (@narendramodi) September 16, 2021
भारत तो लोकतंत्र की जननी है। इसलिए भारत की राजधानी ऐसी होनी चाहिए, जिसके केंद्र में लोक हो, जनता हो। pic.twitter.com/hVz6RudGSV
मोदी ने बताया कि निर्माण के बाद 27 अलग-अलग संगठनों के अधिकारी और कमर्चारी इन परिसरों में चले जाएंगे। इनमें 7 हज़ार से अधिक लोग होंगे। जो रक्षा मंत्रालय, सेवा मुख्यालय और अधीनस्थ कार्यालयों के संलग्न कार्यालयों में हैं। ये अधिकारी और कर्मचारी अभी तक साउथ ब्लॉक और नार्थ ब्लॉक में बने क्वार्टर और पुराने भवनों में रहते थे।
समय से पहले पूरी हुई परियोजना:
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत कोरोना काल में सैकड़ों श्रमिकों को रोजगार मिला है। वहीं 24 महीनों में पूरी होने वाली इस योजना को 12 महीने के भीतर ही पूरा कर लिया गया है। मोदी ने आगे कहा कि आज हम अपने जीवन और व्यापार को आसन करने में लगे हैं। इसमें आधुनिक बुनियादी ढांचा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना में भी यही भावना निहित है।
मोदी ने कहा, अगर हमारी नीति और मंशा स्पष्ट हो, इच्छाशक्ति मजबूत हो और प्रयास ईमानदार हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। परियोजना पर लौटते हुए प्रधानमंत्री ने कहा नए संसद भवन का निर्माण भी समय सीमा से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा।
हम सैन्य शक्ति को आधुनिक बनाने की कोशिश कर रहे हैं:
समारोह में मोदी ने सवाल पूछते हुए कहा, नार्थ और साउथ ब्लॉक में मौजूद हटमेंट्स 75 साल से पुराने है और कुछ तो उस समय के हैं, जब यहां अस्तबल हुआ करते थे। आज हम भारत की सामरिक शक्ति को हर पहलू से आधुनिक बनाने की कोशिश कर रहें है। भारतीय सेना को आधुनिक हथियारों से लैस कर रहे हैं। ये आधुनिक ढांचा दशकों पुराने तरीके से करना सम्भव नहीं है।
मोदी बताते हैं कि, ये हटमेंट्स 13 एकड़ के मुकाबले 50 एकड़ में फैले हुए हैं। खाली की गई जगह को पुनर्विकास परियोजना के तहत सौंप दिया गया है।
रक्षा अधिकारियों के मुताबिक पिछले साल मार्च में परिसरों के निर्माण का फैसला लिया गया था, वहीं जुलाई से काम शुरू कर दिया गया था।
आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीपसिंह पुरी ( hardeep singh puri) ने कहा कि अगले साल से 26 जनवरी ( गणतंत्र दिवस) की परेड सेंट्रल विस्टा में ही आयोजित की जाएगी। इसके लिए संबंधित काम आने वाले महीनों में पूरे कर लिए जाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने इन नई इमारतों को अधिक सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल बताया। वहीं सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत साउथ और नार्थ ब्लॉक में मौजूद दोनों भवनों को संग्रहालयो में परिवर्तित करने की बात कही।