378 दिन के लंबे इंताजर के बाद किसान आंदोलन अब खत्म हो रहा है। जानकारी के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर पर किसान संयुक्त मोर्चा की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया। जानकारी ये भी है कि सरकार किसानों की सभी बातों को मानने के लिए तैयार हैं। कृषि मंत्रालय और विभाग के द्वारा जारी की गई चिठ्ठी में किसानों की सभी शर्तो को तत्काल पूरा करने की बात कही गयी है। 15 दिसम्बर तक सभी शर्तो को पूरा करना तय हुआ हैं।
11 दिसम्बर को होगी किसानों की वापसी :
14 महीने के आंदोलन के बाद अब दिल्ली के सभी बॉर्डर से किसान अपने घर लौटने की तैयारी कर रहे हैं। 11 दिसंबर से किसान सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत तमाम जगहों से वापसी करने लगेंगे। 13 दिसम्बर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेक कर अपने घर जाएंगे। वहीं 15 दिसम्बर को पंजाब में आंदोलन समाप्त किया जाएगा।
इसकी जानकारी इस बात से भी पता लगती है कि सिंघु बॉर्डर से टेंट उखड़े जाने लगे हैं और लंगर आदि का सामान भी गाड़ियों में चढ़ाया जाने लगा है। हालांकि, इस बीच किसानों की और से ये भी कहा जा रहा है कि अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो आंदोलन फिर से शुरू हो सकता है।
15 जनवरी को होगी किसानों की समीक्षा बैठक :
संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, की 15 जनवरी को किसानों की एक समीक्षा बैठक की जाएगी। जिसमें इस पर बात की जाएगी कि किसान आंदोलन के दौरान हमने क्या पाया और ये भी देखा जाएगा कि सरकार ने किसानों की कितनी मांगे मानी है। 11 दिसम्बर से दिल्ली बॉर्डर से किसान अपने घर लौटना शुरू कर देंगे वहीं 15 दिसम्बर से पंजाब के सभी मोर्चो पर भी आंदोलन खत्म हो जाएगा।
सरकार के प्रस्ताव पर किसान एकमत :
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हफ्ते की शुरुआत से ही किसान और सरकार के बीच बातचीत जारी है। और सरकार के प्रस्ताव पर किसान पहले से एकमत थे। लेकिन गुरुवार (9 december) को एक लंबी बैठक के बाद किसान आंदोलन खत्म किये जाने की आधिकारिक पुष्टि की गई।
हालांकि, मंगलवार को सरकार ने जो चिठ्ठी भेजी थी उसमें MSP पर कमेटी बनाने, मुआवज़े पर सैद्धान्तिक सहमति और आंदोलन खत्म होने के बाद किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेने की बात की थी। जिसके बाद किसानों की तरफ़ से आपत्ति जताते हुए कहा गया कि आंदोलन खत्म होने के बाद नहीं बल्कि, पहले दर्ज मामले वापस लिए जाए। इसके बाद सरकार ने नई चिठ्ठी जारी करते हुए राज्य सरकारों से दर्ज मुकदमों को ततकाल रूप से वापस लेने की बात कही और इस चिट्ठी पर किसान राज़ी हो गए।
किसानों ने शुक्रिया अदा करते हुए, तकलीफ़ के लिए मांगी माफ़ी :
Hindustan वेबपोर्टल के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि बलबीर सिंह राजेवाल (balbir Singh rajevaal) ने उन सभी लोगो को बधाई दी जिन्होंने इस लंबी लड़ाई में किसानों का साथ दिया। साथ ही, मध्यप्रदेश के किसान नेता शिव कुमार कक्का (shiv kumar kakka) ने भी किसान आंदोलन के दौरन देश के तमाम लोगो को हुई तकलीफ के लिए माफ़ी मांगी है।
उन्होंने कहा, कृषि मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल (sanjay agraval) की ओर से भेजी गई रिपोर्ट पर सहमति बनी है। इस में हमारी अधिकतर मांगो पर विचार करने की बात की गई है।