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भूषण स्टील में 1000 करोड़ का घोटाला

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कर्ज से दबे भूषण स्टील में करीब 1000 करोड़ रुपये के घोटाले की खबर आ रही है. वेबसाइट टाइम्स नाऊ हिंदी में प्रकाशित खबर के अनुसार
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय( एसएफआईओ) ने कर्ज से दबी भूषण स्टील (Bhushan Steel) के चेयरमैन बृज भूषण सिंघल से पूछताछ की. सूत्रों के अनुसार यह पूछताछ 1,000 करोड़ रुपए से अधिक के कथित हेरफेर के सिलसिले में की गई. कारपोरेट कार्य मंत्रालय के अधीन आने वाली यह एजेंसी कंपनी में धन के कथित हेराफेरी की जांच कर रही है. सूत्रों के अनुसार ​राष्ट्रीय राजधानी में सिंघल से पूछताछ की गई.इस मामले में 1000 करोड़ रुपए से अधिक के धन की हेरफेर का अनुमान है.इस बारे में भूषण स्टील के अधिकारियों से बात नहीं हो पाई. कंपनी पर 44,000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है. कंपनी ने के लिए हाल ही में टाटा स्टील ने सबसे बड़ी बोली लगाई है.

एल एंड टी पहुंची NCLT

लार्सन एण्ड टुब्रो (Larsen and Toubro) ने कर्ज के बोझ तले दबी भूषण स्टील से अपने बकाये की वसूली के लिये एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया है. उसने कहा है कि उसके बकाये की भरपाई प्राथमिकता के साथ होनी चाहिये.लार्सन एण्ड टुब्रो (L&T) की ओर से पेश वकील ने एनसीएलटी पीठ के समक्ष अपनी बात रखते हुये कहा कि पूंजीगत सामानों की आपूर्ति का भूषण स्टील पर 900 करोड़ रुपए का बकाया है. इंजीनियरिंग एवं निर्माण क्षेत्र की इस कंपनी ने राष्ट्रीय कंपनी विधि प्राधिकरण ( एनसीएलटी) से कहा है कि उसे भूषण स्टील के सुरक्षित कर्जदाता के तौर पर माना जाना चाहिये. न्यायाधिकरण ने भूषण स्टील मामले में एल एण्ड टी की याचिका को 23 मार्च को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया है.
कंपनी के लिए हाल ही में टाटा स्टील ने सबसे बड़ी बोली लगायी है.टाटा स्टील ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी. बोली में टाटा स्टील के अलावा जेएसडब्ल्यू लिविंग प्राइवेट लि. (जेएसडब्ल्यू तथा पीरामल एंटरप्राइजेज की संयुक्त उद्यम) और भूषण स्टील के कर्मचारियों के समूह ने भाग लिया था. बोली जमा करने की अंतिम तारीख तीन फरवरी 2018 थी.
टाटा स्टील के अनुसार कंपनी को भूषण स्टील के समाधान पेशेवर से यह सूचना मिली है कि ऋण शोधन एवं दिवाला संहिता के तहत कंपनी ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया के अंतर्गत भूषण स्टील में नियंत्रणकारी हिस्सेदारी हासिल करने को लेकर सर्वाधिक बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी है.
बयान में कहा गया है कि ऋणदाताओं की समिति तथा भूषण स्टील के समाधान पेशेवर समाधान योजना पर फिलहाल टाटा स्टील के साथ चर्चा कर रहे हैं. यूके की लिबर्टी हाउस ने भी भूषण स्टील को खरीदने की योजना बनाई थी. हालांकि बोली देरी से लगाने के कारण वो दौड़ से बाहर हो गई.
आरबीआई ने इस कंपनी को सबसे बड़े लोन डिफॉल्टर के तौर पर पहचान की है. टाटा स्टील ने भूषण स्टील के कर्जदारों को 17 हजार करोड और ऑपरेशन के लिए 7,200 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया है.

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