बिहार के “आंख फोड़ कांड” में की जा रही है लीपापोती ?

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Sushma Tomar

बिहार (bihar) के मुजफ्फरपुर में एक प्राइवेट आई हॉस्पिटल (private eye hospital) में 65 लोगो का ऑपरेशन किया गया। सभी का ऑपरेशन एक ही दिन में किया गया वहीं ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर भी एक ही था। ख़बर के मुताबिक, जिन 65 लोगों का ऑपरेशन किया गया था उनमें से अधिकतर की एक आंख ख़राब हो चुकी है वहीं 15 लोगों की एक आंख निकालनी पड़ गयी है। मामले पर पीड़ितों ने कई मीडिया समूह से बात चीत में कहा, “आंखों की रोशनी लेने गए थे, लेकिन अंधेरा मिला”


कैसे हुआ ऑपरेशन :

जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में स्पेशल मोतियाबिंद ऑपरेशन का केम्प लगाया गया था। 22 नवम्बर को इस अस्पताल में 65 लोगो ने ऑपरेशन करवाया। कुछ घंटे बाद ही मरीज़ों को आंख दुखना और आंखों से मवाद रिसने की परेशानी होने लगी।

Image credit : denik jagran

पीड़ित वापस अस्पताल गए तो आईड्रॉप दी गयी, लेकिन उससे तकलीफ और बढ़ गई। अंत में मरीज़ों को दूसरे सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया गया। अब मरीज़ दूसरे अस्पताल में दर्द और तकलीफ झेल रहे हैं और अपनी एक आंख निकलवाने को मजबूर हैं।


SKMCH के डॉक्टरों ने क्या कहा..

मुजफ्फरपुर के निजी अस्पताल में अपनी आंखों की रोशनी गवाने के बाद अब मरीज़ मुजफ्फरपुर के SKMCH में अपनी आंख निकलवाने का इंतज़ार कर रहें हैं। वहां के डॉक्टरों का कहना है कि जितने भी मरीज़ यहां आए है उनके ऑपरेशन के बाद आंख से मवाद रिसने के कारण आंख में इंफेक्शन हो गया है। अगर आंख नहीं निकाली गयी तो उनकी जान को खतरा हो सकता है। ये इंफेक्शन उनकी दूसरी आंख और दिमाग में भी फैल सकता है।


बिहार अस्पताल में लापरवाही :

मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, eye hospital में केम्प के दौरन बड़ी लापरवाही बरती गई है। 65 के 65 लोगो का एक ही टेबल पर मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया है वहीं मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के निर्देशों की भी खिल्ली उड़ाई गयी है। दरअसल, MCI के मुताबिक, एक डॉक्टर एक दिन में ज़्यादा से ज़्यादा मोतियाबिंद के 12 ऑपरेशन कर सकता है। लेकिन यहां ऑपरेशन को लेकर बड़ी लापरवाही की गई।

अस्पताल पहुंची जांच टीम के डॉ हरीश चंद्र ओझा (dr. Harish chandra ojha) का कहना है की, “अस्पताल में बड़ी चूक हुई है वरना इतने सारे केस में एक ही गलती होना मुमकिन नहीं है। उन्होंने आगे कहा, प्रशासन का आदेश है कि सख्ती से जांच हो। जो भी रिपोर्ट आएगी उस पर प्रशासन कार्यवाही करेगा, किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जाएगा। “


एक ही डॉक्टर ने किए 65 ऑपरेशन :

निजी अस्पताल के प्रशासन ने मीडिया को बताया, की ऑपरेशन वाले दिन कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था जिसके बाद प्रशासन ने अस्पताल में काम कर चुके एक पुराने डॉक्टर को बुलाया। जिसने एक ही दिन में 65 मोतियाबिंद के ऑपरेशन कर डाले।

Image credit : indianews

मामले पर सिविल सर्जन डॉ विनय शर्मा ने कहा, “कई फोन कॉल से जानकारी मिली हैं कि ऑपरेशन के बाद कई लोगो को दिक्कतें आई हैं। मामले में 3 डॉक्टरों की जांच टीम बनाई गई है जो 2 रिपोर्ट पेश करेगी। इससे पता चलेगा कि ऑपरेशन प्रोटोकॉल का प्रयोग किया गया है या नहीं । उन्होंने कहा, दोषियों को सज़ा दी जाएगी।”

प्रशासन कर रहा है लीपापोती ?

मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने सभी पीड़ितों को पटना और SKMCH जैसे अस्पतालो में भर्ती करवाया हैं। पीड़ितों का जल्द से जल्द इलाज किया जा रहा है लेकिन अभी तक उस डॉक्टर का कोई पता नहीं चला जिसने एक ही दिन में 65 ऑपरेशन कर, आंखों की रोशनी छीन ली।

मामले पर विधानसभा भी गरमाई जब नेता प्रतिपक्ष तेजवी यादव ( Tjashwi yadav)और राबड़ी देवी (Rabdi devi) ने सरकार को स्वास्थ्य व्यवस्था पर जमकर घेरा। राबड़ी देवी ने विधानसभा में कहा, ये कैसा प्रशासन है जहां लोगो को अपनी आंखें निकलवानी पड़ रही रही। स्वास्थ्य मंत्री कहाँ है, अभी तक मुआवज़े की कोई बात क्यों नहीं कि गयी।

वहीं तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, ” देश के सबसे बदहाल और फ़िसड्डी बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था देखिए। 65 लोगो का ऑपरेशन एक ही टेबल पर कर दिया गया, आंखों की रोशनी दूर की बात है सबको अपनी आंखें निकलवानी पड़ रही हैं।”

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