रवि और युगुऐव का पहले भी हो चुका है मुकाबला जानें कौन पड़ा था भारी

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Heena Sen

खेलों के महाकुंभ में हर भारतीय खिलाड़ी अपना बेस्ट परफोर्मेंस दे रहा है। जिसके चलते हॉकी, कुश्ती और वेट लिफ्टिंग में भारत सेमीफाइनल तक पहुंच पाया था। लेकिन अफसोस अभी तक भारत को केवल सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल से ही संतोष करना पड़ रहा है। आज इसी दिशा में पहलवान रवि दाहिया को भी ओलंपिक कुश्ती फाइनल मुकाबले में चांदी से ही संतोष  करना पड़ा। इसके साथ उनकी टोक्यो में सोना जीतने की उम्मीदें खत्म हो गई हैं। दरअसल, रवि दाहिया का मुकाबला दो बार विश्व चैम्पियन का खिताब हासिल करने वाले युगुऐव से था। इस मुकाबले में युगुऐव ने उन्हें 3 पॉइंट से हरा दिया। हालांकि रवि सिल्वर मेडल के साथ ही भारत लौटेंगे।युगुऐव ने उन्हें 3 पॉइंट से मात दी।

सिल्वर जीतने के लिए बधाईः प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर रवि दहिया सिल्वर मेडल जीतने के लिए बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘रवि की लड़ने की भावना और दृढ़ता शानदार है। सिल्वर मेडल जीतने पर उन्हें बधाई। उनकी इस उपलब्धि पर पूरा भारत गौरवान्वित है।’

दोनों में हमेशा रही है कांटे की टक्कर

रवि और युगुऐव दोनों इस समय काफी शानदार फॉर्म में हैं। रवि और युगुऐव दोनों इससे पहले  भी 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में एक दूसरे का सामना कर चुके हैं। दोनों में हमेशा कांटे की टक्कर रहती है। हालांकि 2019 में रूसी पहलवान ने भारतीय पहलवान रवि को कड़े मुकाबले में 6-4 से हराया था। रवि को इस चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल हासिल हुआ था। वहीं इसके अलावा रवि ने 2020 और 2021 एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था।  2018 अंडर-23 चैंपियनशिप में भी सिल्वर मेडल अपने नाम किया था।

रूस के बेस्ट पहलवानों में से एक हैं युगुऐव

युगुऐव 2018 और 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप के विजेता रह चुके हैं। वे रूस से आने वाले सर्वश्रेष्ठ पहलवानों में से एक हैं। उन्होंने अब तक अपने करियर में 16 इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन में 15 मेडल जीते हैं। इनमें 13 गोल्ड मेडल हैं। हालांकि टोक्यो ओलिंपिक में उन्हें टफ कॉम्पिटिशन का भी सामना करना पड़ा था। लेकिन, सेमीफाइनल में उन्होंने ईरान के रेजा अत्रिनाघारचिनी को आसानी से हरा कर फाइनल में अपनी जगह बनाई थी।

रवि ने सेमीफाइनल में जीत के शानदार जज़्बे को देश ने किया सलाम

रवि दहिया ने सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के नूरीस्लाम को चित करके मुकाबला जीता फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली थी। सेमीफाइनल में रवि पहले 8 पॉइंट से पीछे चल रहे थे। लेकिन, आखिरी के 1 मिनट में  रवि ने कजाक पहलवान को चित कर दिया, इस आखिरी दांव में कजाक पहलवान ने रवि की बाजू पर दांत गड़ा दिये थे। लेकिन फिर भी रवि ने अपनी पकड़ बनाए रखी, जिससे लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली।रवि को विक्ट्री बाय फॉल रूल से विजेता करार दिया गया।

पांच मेडल हुए भारत के नाम

रवि ने टोक्यो ओलिंपिक में भारत के लिए पांचवा मेडल जीत लिया है। अब तक भारत ने पांच मेडल अपने नाम कर लिए हैं। रवि दाहिया के अलावा टोक्यो ओलंपिक 2020 वेटलिफ्टिंग कॉम्पिटिशन में मीराबाई चानू ने पहला सिल्वर हासिल किया था। इसके बाद पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में ब्रॉन्ज, और लवलिना बोरगोहेन ने बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज और पुरूष हॉकी टीम ने 41 साल बाद ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। मेडल जीता है। यह 2012 लंदन ओलिंपिक के बाद भारत का दूसरा सबसे सफल ओलिंपिक बन गया है। रवि पहलवान सुशील कुमार के बाद कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय हैं।

अब तक कुश्ती 6 मेडल जीत चुका है भारत

कुश्ती में पहलवान सुशील के नाम भारत के लिए ओलिंपिक में लगातार दो मेडल जीतने का रिकॉर्ड है ।  सुशील ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में ब्रॉन्ज और 2012 लंदन ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीता था। अब टोक्यो ओलंपिक में रवि को मिलाकर भारत ने कुश्ती में 6 मेडल जीते हैं। रवि और सुशील के अलावा योगेश्वर दत्त ने 2012 में ब्रॉन्ज, और महिला कुश्ती में साक्षी मलिक ने 2016 रियो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। भारत के लिए पहलवानी में सबसे पहला ओलंपिक मेडल केडी जाधव ने जीता था। उन्होंने 1952 हेलसिंकी ओलिंपिक में यह कारनामा किया था।