कोरोना को दी गई छूट और तबाही लाएगी?

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दुनिया भर में पिछले 2 साल से कोहराम मचा रहे कोरोना वायरस से लोगों का दिल दहल चुका है। लगातार पैर पसार रहे इस जानलेवा वायरस से लड़ने का अब तक कोई सटीक हथियार कोई भी तैयार नहीं कर पाया है।

जहां एक तरफ दूसरी लहर में थोड़ी कमी देखने को मिल रही है, वहीं दूसरी ओर कोरोना के तीसरे और अधिक जानलेवा लहर के रूप में डेल्टा प्लस वेरिएंट की पहचान की जा चुकी है। इस वेरिएंट के एक – दो महीने में कम्युनिटी स्प्रेडिंग होने की आशंका जताई जा रही है।

इतने खतरनाक समय में यूके के हेल्थ और सोशल केयर सेक्रेटरी साजिद जाविद की ओर से एक ऐसा ऐलान सुनने को मिला है जिससे वहां के जानकार और डॉक्टर दहशत में आ गए हैं। सरकार और विद्वानों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है।

क्या है डरावना फैसला हेल्थ केयर सेक्रेटरी का?

यूके के हेल्थकेयर सेक्रेटरी साजिद जाविद ने 5 जुलाई को एक मेल प्रकाशित करके काफी डरावने कदम उठाए हैं। उन्होंने लिखा,” कोरोना के अलग-अलग प्रोटोकॉल के कारण देशभर में घरेलू हिंसा और मेंटल हेल्थ की काफी बड़ी समस्या देखने को मिली है।

कोरोना जैसी बीमारी के साथ हमें जीने के तरीके ढूंढने चाहिए। इसलिए सरकार काफी नियमों को हटाने का सोच रही है। हमें इसे भी किसी फ्लू की तरह देखना चाहिए।”

इस बयान के बाद यह आशंका है कि यूके केबिनेट कोरोना के चलते देशभर में लागू अलग-अलग पाबंदियों को जल्द हटाने के लिए बिल पास कर सकती है। इसमें जो युवा वैक्सीनेटेड है उन्हें बिना आइसोलेशन मैंडेटरी किए देश के बाहर घूमने की इजाजत होगी।

मास्क पहनना लोगों की अपनी पसंद पर निर्भर करेगा,सिवाय हॉस्पिटल और हेल्थ केयर वर्कर को छोड़कर। साथ ही अब फुल्ली वैक्सीनेटेड युवाओं को किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने के बाद आइसोलेशन में जाना या अपना कोविड – 19 टेस्ट कराने की कोई जरूरत नहीं होगी।

जानकारों ने जताई आपत्ति

इस आर्डर के बारे में सुनकर यूके के साइंटिस्ट और कई जानकारों ने इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। सेंट एंड्रयूज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्टीफन रिचर ने ट्वीट कर कहा, “एक ऐसा हेल्थ सेक्रेट्री देश के पास होना काफी डरावना है।

जो कोरोना को आज भी एक फ्लू मानता है। बिना पूरे देश के फुल्ली वैक्सीनेटेड होने से पहले ही यह कोरोना के खिलाफ सारे प्रोटेक्शन को हटाना चाहते हैं जो बिल्कुल भी सही नहीं है।”

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के सेंटर ऑफ़ बिहेवियर चेंज की डायरेक्टर प्रोफेसर सुसान मिची ने भी अपनी राय ट्वीट कर लिखा,”कम्युनिटी ट्रांसमिशन को खुले हाथों से बढ़ावा देना समाज को कोरोना के न्यू वेरिएंट्स का फैक्ट्री बना देगा। इससे कोरोना की रफ्तार तो बढ़ेगी ही, साथ में इसके नए-नए वेरिएंट्स भी तेजी से बनने लगेंगे।”

भारत में भी बन सकती है ऐसी तस्वीरें

इन सबके बीच अगर हम अपने देश की बात करें तो यहां भी कुछ ऐसी ही तस्वीरें नजर आ सकती हैं। जैसे-जैसे कोरोना की रफ्तार थम रही है, वैसे वैसे राज्य सरकारों द्वारा दी गई रियायत भी बढ़ रही है। जो कि काफी चिंताजनक है।

तीसरी लहर, डेल्टा प्लस वेरिएंट ने भारत में धीरे धीरे पैर पसारना शुरू कर दिया है। इस बीच दी गई रियायतों से तीसरे चरण की कम्युनिटी स्प्रेडिंग को बढ़ावा मिल सकता है। सरकार को सोच समझकर कदम उठाने चाहिए ताकि लोगों की जान भी बची रहे, और देश का सम्मान भी बना रहे।