चेतन चौहान की मृत्यु किसकी लापरवाही से हुयी ?

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चेतन चौहान संग अस्पताल में हुआ कैसा सलूक? MLC ने सदन में बताई आंखोंदेखी – बकौल साजन, “मैं इस दौरान सोच रहा था कि ये कैसे मंत्री से बदतमीजी से बात कर रहे थे? लेकिन मुझे भरोसा हुआ कि मंत्री ने कहा कि वह यूपी कैबिनेट में मंत्री तो शायद वह शायद वह चेतन जी कहेंगे या आदर कहेंगे।”COVID-19 से प्राण गंवाने वाले यूपी के कैबिनेट मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान के साथ अस्पताल में खराब व्यवहार हुआ था। डॉक्टर और स्टाफ उन्हें वहां पहचानना तो दूर ढंग से बात भी नहीं करते थे। उनकी आपबीती को Samajwadi Party के एमएलसी सुनील सिंह साजन ने विधान परिषद में शनिवार को बयां किया। बताया कि चौहान के साथ अस्पताल में कैसा सलूक हुआ था। उन्होंने इसके साथ ही खुद के कोरोना के इलाज के दौरान का कड़वा अनुभव भी साझा किया।एमएलसी ने भरे सदन में कहा, “गेट से पूछते हैं कि चेतन कौन है? मंत्री बहुत सरल थे। उन्होंने हाथ खड़ा किया। टीम आई और पूछा- चेतन, आपको कब हुआ कोरोना? उन्होंने इस पर अपनी बात बताई। इसी बीच, दूसरा स्टाफ बोला- चेतन, तुम क्या करते हो? मंत्री बोले- वह कैबिनेट मंत्री हैं। इस पर एक अन्य स्टाफ ने पूछा- कहां के? उन्होंने फिर जवाब दिया- उत्तर प्रदेश सरकार के।”

बकौल साजन, “मैं इस दौरान सोच रहा था कि ये कैसे मंत्री से बदतमीजी से बात कर रहे थे? लेकिन मुझे भरोसा हुआ कि मंत्री ने कहा कि वह यूपी कैबिनेट में मंत्री तो शायद वह शायद वह चेतन जी कहेंगे या आदर कहेंगे। फिर भी पीजीआई के स्टाफ ने कहा- चेतन, तुम्हारे घर में कौन-कौन संक्रमित है? यह सुनते ही मुझे बहुत गुस्सा आया। दुख भी हुआ और सरकार पर गुस्सा आया।”

उन्होंने आगे कहा- मतलब सरकार का इतना भी दवाब नहीं है? कबीना मंत्री के बाद कौन होता है?…मुख्यमंत्री…। मतलब यूपी में सिर्फ योगी आदित्यनाथ का सम्मान होगा। अगर शर्मा जी को कोरोना होगा, तो आप सोच नहीं सकते कि आपके साथ क्या व्यवहार होगा। हम नहीं चाहते…हम तो प्रार्थना करेंगे कि किसी को न हो। लेकिन मुझे उस घटना के बाद गुस्सा आया। मैं खुद को नहीं रोक पाया…। मैंने डॉक्टर से कहा- आप जानते हैं कि ये कौन हैं? चलिए आप प्रभाव में नहीं आ रहे हैं कि ये योगी सरकार में मंत्री हैं। ये वह हैं जो देश के लिए क्रिकेट खेलते थे। डॉक्टर ने इस पर कहा- अच्छा, ये वह चेतन हैं। यह कहते हुए पूरा स्टाफ वहां से चला गया।

एमएलसी के अनुसार, चौहान दो दिन तक हमारे बगल में रहे। वह जिस घुटन में थे, वह कोई और महसूस नहीं कर सकता। मुझे नहीं कहना चाहिए…वह कोरोना की वजह से हमें छोड़ कर नहीं गए, बल्कि सरकारी अव्यवस्था के चलते गए। बता दें कि साजन कोरोना के इलाज के दौरान जिस वॉर्ड में थे, वहां दो दिन उनके साथ चौहान भी रहे थे। उसी दौरान उन्होंने पूर्व क्रिकेटर के साथ होते जो देखा, उसे सदन में बयान किया।

क्या सरकार इस पर जांच कराएगी ? जब प्रदेश के शीर्ष चिकित्सा संस्थान में एक मंत्री के साथ ऐसा निंदनीय व्यवहार हो सकता है तो आम नागरिक और सामान्य अस्पताल की क्या बात की जाय।