विस्फोटक के साथ हिंदूवादी कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी, फिर चर्चा में आया "भगवा आतंकवाद"

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महाराष्ट्र ATS ने 10 अगस्त को मुंबई के पास नालासोपारा से सनातन संस्था के तीन संदिग्ध सदस्यों को गिरफ्तार किया है. बताया जाता है, कि तीनों किसी बड़ी आतंकी साज़िश को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे.
ATS द्वारा गिरफ़्तार किये गए संदिग्ध आतंकी वैभव राऊत शरद कलास्कर और सुधना गोंडलेकर के इरादों का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है. कि पुलिस ने वैभव के घर व दूकान से 20 देसी बम और करीब 50 बम बनाए जा सकने का सामान बरामद किया है.
वहीं एटीएस के मुताबिक, उन्हें कलास्कर के घर से एक काग़ज़ मिला है जिस पर बम बनाने की विधि लिखी हुई है. ABP न्यूज़ के अनुसार वैभव के पास से दो जिलेटिन की छडें, चार इलेट्रॉनिक डेटोनेटर, पांच नॉन इलेक्ट्रोनिक डेटोनेटर, 150 ग्राम सफेद पाउडर और 10 बैट्री भी मिली है.

कई शहरों को दहलाने की थी साज़िश

अदालत में ATS ने बताया कि उन्हें यह सूचना मिली थी कि कुछ अज्ञात लोग पुणे, सतारा, नालासोपारा और मुंबई में चरमपंथी गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं. इसी के मद्देनज़र एटीएस ने तफ़्तीश की और तीन लोगों पर मुक़दमा दर्ज किया गया.

सनातन संस्था झाड रही पल्ला, पर वैभव के समर्थन में भी का रही है

वैभव की गिरफ्तारी के बाद सनातन संस्था ने बयान जारी कर कहा है कि वो उसका सदस्य नहीं है. लेकिन साथ ही संस्था उसके बचाव में भी उतर गई है. सनातन संस्था ने एटीएस की कार्रवाई का विरोध किया है और कहा है कि सियासी कारणों से वैभव राऊत को फंसाया गया है. भले ही सनातन संस्था वैभव राउत को अपना सदस्य नहीं बता रही हो लेकिन उसका ये दावा गले नहीं उतरता.

वहीं कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने एक तस्वीर ट्वीट करके दावा किया कि वैभव राउत का सनातन संस्था से सीधा सम्बन्ध है.

संभाजी भिड़े की संस्था का कार्यकर्ता है सुधना गोंडलेकर

सुधना गोंडलेकर को संभाजी भिड़े की संस्था शिव प्रतिष्ठान का कार्यकर्ता बताया जा रहा है. यहां ये जानना दिलचस्प होगा कि पुलिस ने संभाजी भिड़े भीमा कोरेगांव दंगा मामले में संदिग्ध माना था .

कई बार सनातन संस्था को बैन करने की उठ चुकी है मांग

जिस तरह से सनातन संस्था वैभव राउत के बचाव में उतरी है और उसे कानूनी मदद पहुंचा रही है उससे भी सनातन संस्था शक के दायरे में आ रही है. भले ही सनातन संस्था खुद को इस मामले से अलग रखने की कोशिश कर रही हो, लेकिन ऐसे मामलों में पहले भी सनातन संस्था का नाम आ चुका है. सनातन संस्था से जुड़े लोगों पर बम धमाके करने, हत्याएं करने से लेकर युवाओं को सम्मोहित करके उनके घरवालों से अलग करने तक के आरोप लग चुके हैं. इन्ही मामलों के चलते कई बार सनातन संस्था पर पाबंदी लगाने की मांग उठ चुकी है.

वैभव राऊत और उसके साथियों की गिरफ़्तारी से भगवा आतंकवाद पर फिरसे चर्चा हो रही है

वैभव राउत की गिरफ्तारी और उसके पास से बमों की बरामदगी ने कई सवाल खड़े किये हैं. ये बम राउत के पास कहां से आए? इनका किस साजिश के लिए इस्तेमाल होना था? वैभव राउत के साथ साजिश में कौन-कौन शामिल है? शुरुआती पूछताछ में एटीएस को इन सवालों के कुछ जवाब मिले हैं, जो कि चौंकाने वाले हैं और जिनसे ये पता चलता है कि वैभव राऊत के मंसूबे कितने खतरनाक थे.