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यह तीन मामले भारत की अर्थव्यवस्था का भविष्य तय करेंगे

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मार्च का मध्य हिस्सा भारतीय इकानॉमी के दशा और दिशा तय करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण सिद्ध होने वाला है, इसके तीन प्रमुख कारण है –

यस बैंक

यस बैंक को 14 मार्च तक की डेडलाइन दे दी गई है। इस अवधि तक उसे 2 अरब डॉलर का फण्ड जुटाना है, यस बैंक भारतीय बैंकिंग सिस्टम के लिए खतरा बन चुका है। बैंक का 36 फीसदी कैपिटल बैड लोन में फंसा हुआ है। अभी बैंक के लोन डूबने की आशंका ज्यादा है। यस बैंक यदि 14 मार्च तक 2 अरब डॉलर नहीं जुटा पाता है, तो सरकार और RBI मिलकर यस बैंक को Interim Bailout कर सकते हैं। क्योंकि अगर यह बैंक डूबा तो इकोनॉमिक ग्रोथ को तगड़ा झटका लगेगा जो पहले से ही मुश्किल में है। लेकिन यदि प्राइवेट बैंक को बेलआउट किया गया तो अन्य बैंको को भी इसी तरह से बेल आउट करना होगा, जो मोदी सरकार के FRDI बिल प्लान के खिलाफ है।

एयर इंडिया

एयर इंडिया की बोली लगाने की अंतिम तारीख 17 मार्च है, अभी तक किसी भी बोलीदाता ने अपना ऑफर जमा किया है। ऐसी कोई सूचना नही है, कल केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने घोषणा की है कि एयर इंडिया का पूरा-पूरा अधिग्रहण (100 फीसदी) नॉन रेसिडेंट इंडियन (NRIs) भी कर सकते हैं।
एयरक्राफ्ट रूल्स’ कहता है कि किसी विमान सेवा कंपनी में विदेशी कंपनी की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकती। साफ है कि अभी तक किसी भी कम्पनी ने बोली नही लगाई है। तभी सरकार यह NRI को छूट देने की बात कर रही है। मोदी सरकार ने बोलीदाताओं की आपत्तियों पर समाधान के लिए पहले 27 जनवरी तक समय दिया था, इसके बाद अंतिम तिथि बढ़ाकर 11 फरवरी कर दी और बोलीदाताओं से लिखित में सवाल मांगे। इस पर सार्वजनिक संपत्ति निवेश एवं प्रबंधन विभाग (दीपम) ने 21 फरवरी को स्पष्टीकरण भी जारी कर दिया। इसमें 20 सवालों पर विभाग की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया था। अब दीपम ने कहा है, कि लिखित सवाल दाखिल करने का समय एक बार फिर बढ़ाकर 6 मार्च, 2020 कर दिया गया है। अब तक किसी कम्पनी ने ये सवाल किए हैं ऐसी कोई सूचना नही है।
एयर इंडिया पर कुल 55 हजार करोड़ का कर्ज है लेकिन जब इसके लिए बोली आमंत्रित की जाएगी, तो उसमें एयर इंडिया खरीदने वाली कम्पनी के खातों में 18,000 करोड़ का कर्ज ही दिखाया जाएगा। ‘इसके बावजूद भी खरीदार नही मिलना भारतीय अर्थव्यवस्था की असली हालत बयान कर देता है।

3 टेलीकॉम कंपनियों पर AGR का बकाया

सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों पर AGR की रकम डेढ़ लाख करोड़ रुपये को जमा करने की आखिरी तारीख 17 मार्च दी है, इस सिलसिले में तीन दूरसंचार कंपनियों भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और टाटा टेलीसर्विसेज ने साफ कर दिया है कि उन्होंने इस बकाया रकम का स्वमूल्यांकन किया है और उनके हिसाब से जितना पैसा सरकार का निकलता था, वह जमा कर चुकी हैं। अब एक बार फिर से गेंद सरकार के पाले में है।
इन तीनो मामलो पर सरकार क्या रुख अपना रही है, उसे कुछ दिनों में ही साफ करना होगा, आखिरी तारीख का इंतजार घातक होगा। यह तीन मामले अर्थव्यवस्था का भविष्य तय करेंगे।