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तेजस्वी के रूप में नीतीश ने एक समानांतर नेता खड़ा कर लिया है

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आज बिहार विधानसभा में तेजस्वी का 41 मिनट का भाषण सुनने लायक़ है। नीतीश ने एक समानांतर नेता खड़ा कर दिया है। नीतीश कुमार और भाजपा को क़ायदे से धोया है। पर, शर्म सबको कहां आती! अभी के तेवर से लग रहा है कि लालू नेपथ्य में भी चले जाएं, तो तेजस्वी अब काफ़ी हैं नीतीश की शल्यचिकित्सा के लिए। मुसीबत में वो और भी निखरेंगे। ख़याल रहे कि उपमुख्यमंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल में कोई अनियमितता, कोई विसंगति नहीं हुई है। एक अंश यहाँ रख रहा हूँ :
“Boss, आप हे राम से जय श्रीराम हो गए। आपको पता है कि आप हमें नहीं हटा सकते। आपने ‘छवि’ चमकाने के लिए यह सब ढकोसला किया। आप दलित, अल्पसंख्यक विरोधी हैं। पहले संघमुक्त भारत की बात करते थे, अब उसी में मिल गए। आपमें हिम्मत होती, तो आप मुझे बर्ख़ास्त करते। हमारे पास 80 विधायक हैं, नीतीश जी आप जानते थे कि आप हमें बर्ख़ास्त नहीं कर सकते। छवि की बात है, तो पूरा देश जानता है कि नीतीश जी का कितना आधार है।

दरअसल, आप मेरे आत्मविश्वास से डर गए। जब आप पहले से भाजपा के साथ थे, तो चार साल क्यों बरबाद किया। आप अवसरवादी राजनीति कर रहे हैं। आपने पूरे बिहार को धोखा दिया। सुशील मोदी, आप किस मुंह से विधानसभा में हंस रहे हैं। नीतीश जी आपको शर्म नहीं आई, सुशील मोदी के बगल में बैठने में? हमने कभी भी सीएम पर कोई दबाव नहीं बनाया। कौन-सी विचारधारा, कौन-सी नैतिकता, दुनिया जानना चाहती है नीतीश कुमार जी।
मुझ पर सिर्फ एफ़आईआर होने की वजह से नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया, क्या वह ऐसा क़ानून बनाएंगे, जिसमें एफ़आईआर होने पर इस्तीफ़ा दिया जाए।
योगी और कई और बीजेपी लीडर्स के ख़िलाफ़ भी केस है, नीतीश जी क्या आप उन्हें इस्तीफ़ा देने को कहेंगे। सबकुछ पहले से योजनाबद्ध था, जिस तरीके से आपने इस्तीफ़ा दिया, उससे सब पता चलता है। आप चंपारण यात्रा निकालते हैं, और बापू के हत्यारे की गोद में जाकर बैठ जाते हैं। पहले बिहार की बोली लगाई थी, इस बार सीएम की बोली लगाई है। भाजपा के साथ जाने के लिए मुझे फंसाया गया है।”