जवाहरलाल नेहरु की तस्वीर गायब होने पर भड़के राहुल गांधी

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भारत देश को आजाद हुए 75 साल हो चुके हैं। इस उपलक्ष्य में  आजादी का अमृत महोत्सव बनाया जा रहा था । जिसमे भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के द्वारा पंडित जी की तस्वीर को न लगाना एक विवादित मुद्दा बन गया है ।इस मुद्दे को लेकर अभी तक आईसीएचआर की तरफ से कोई भी बयान सामने नहीं आया है।

भारत को स्वतंत्रता मिले 75 साल हो चुके हैं। इसके साथ हमें ये भी नहीं भूलना चाहिए कि आजादी हमें ऐसे ही नहीं मिली है । इस पर हमारे अनेक क्रांतिकारी लोगों ने आज़ादी दिलाई थी । इसमें पंडित नेहरू से लेकर भगत सिंह तक अनेक क्रांतिकारी युवाओं और विद्वानों ने अपनी अहम भूमिका निभाई थी।

देश की आजादी में हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी कई बार जेल भी जा चुके थे। उनके द्वारा देश को रेडियो के द्वारा संबोधन भी किया जाता था। जिसमें नेहरू जी के विचार भी शामिल होते थे।

वे देश के लोगों को विकास की तरफ बढ़ने को कहते थे और धर्म और जाति को छोड़कर हम सब एक हैं । ऐसे उत्तम विचार वाले व्यक्ति को भला कैसे भूला जा सकता है । लेकिन भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद की वेबसाइट पर नेहरू जी की तस्वीर को हटाया जाना एक विवाद बन चुका है ।

पंडित नेहरू की तस्वीर को “आजादी अमृत महोत्सव” से हटाए जाने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय इतिहास अनुसंधान (आईसीएचआर) हमला बोलते हुए कहा कि, “देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की तस्वीरें तो आपने हटा दी है लेकिन देश के प्यारे पंडित नेहरू को लोगों के दिलों से कैसे निकालोगे” उन्होंने फेसबुक पर नेहरू के जीवन से जुड़ी कई तस्वीर को शेयर करते हुए कहा देश के प्यारे पंडित नेहरू को लोगों के दिलों से निकालोगे?

कांग्रेस के नेताओं का फूटा गुस्सा

नेहरू जी की तस्वीर हटाई जाने की पृष्ठभूमि में शनिवार को राहुल गांधी की कटाक्ष के बाद कांग्रेस पार्टी के नेताओं का भी गुस्सा शांत नहीं हुआ है। पार्टी के कई नेताओं ने ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया है।

आईसीएचआर द्वारा “आजादी के अमृत महोत्सव” से जुड़ी तस्वीरों का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर साझा करते हुए, जिसमें महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, राजेंद्र प्रसाद ,भगत सिंह ,मदन मोहन मालवीय और वीर सावरकर के चित्र हैं, लेकिन नेहरू की तस्वीर गायब है।

दरअसल आईसीएचआर की ओर से “आजादी के अमृत महोत्सव” के समारोह के सिलसिले में एक पोस्टर जारी किया गया है .जिसमें पंडित नेहरु की तस्वीर गायब है. आईसीएचआर की ओर से उठाए गए इस कदम को लेकर अब खासा विवाद पैदा हो गया है.

कांग्रेस नेता सांसद शशि थरूर ने भी आईसीएचआर को घेरते हुए कहा कि पंडित नेहरू की तस्वीरें को हटा कर उसने खुद को कलंकित किया है। उन्होंने कहा कि यह निंदनीय है और इतिहास को झूठलाने वाला कदम है। देश की आजादी के संघर्ष में पंडित नेहरू का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।उन्हें हटाकर कैसे आजादी का जश्न मनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस कदम के जरिए आईसीएचआर ने खुद अपना नाम खराब कर लिया है।

धीरे-धीरे यह आदत बनती जा रही है

कांग्रेस के कई नेताओं ने थरूर के इस ट्वीट को रिट्वीट किया है। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने भी पंडित नेहरू की तस्वीर हटाए जाने पर तीखी आपत्ति जताई है। गोगोई ने इस कदम को तुच्छ और अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि, कोई कैसे अपने पहले प्रधानमंत्री की फोटो को हटा सकता है और किसी भी देश में ऐसा नहीं हुआ होगा लेकिन हमारे देश में हुआ है।

गोगोई यहीं पर ही नहीं रुके, उन्होंने देश को इस बात को भी नहीं भूलना चाहिए की इस संघ ने आजादी के संघर्ष से दूर रहने का फैसला किया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आईसीएचआर के कदम को भद्दा करार दिया है।

कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने कहा है कि आजादी की अमृत महोत्सव से पंडित नेहरु की तस्वीर हटा देने से उनकी शख्सियत कमजोर नहीं हो जाती। इस कदम से पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा पंडित नेहरू के विरासत से कितना डरती है।

पार्टी के नेता और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई। और कहा कि , नेहरू की तस्वीर हटाए जाने से क्या खुद का कद बढ़ जायेगा ? बौना ,बौना ही रहेगा।

तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना ने भी इसका विरोध करते हुए ऐसीएचआर के इस कदम को निंदनीय और छोटी सोच करार देते हुए आपत्ति जताई है। पार्टी के नेता सकेत गोखले ने कहा कि पीएम मोदी को इतिहास में एक अहंकारी और कमजोर व्यक्ति के रूप में याद रखा जाएगा। उन्होंने देश को बेचने, बर्बाद करने की कोशिश की है ।वे कोई भी विरासत छोड़कर नहीं जाएंगे। पंडित नेहरू और मौलाना आजाद को मिटाने के लिए मोदी जी बहुत छोटे हैं।

शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी आईसीएचआर के कदम पर गहरी आपत्ति जताई है। प्रियंका चतुर्वेदी जी ने कहा कि हमारा आजादी का महोत्सव तब तक अधूरा है जब तक इसमें सभी की भूमिका को स्वीकारा नहीं जा सकता।

यह मुद्दा यही थमने का नाम नहीं ले रहा है क्योंकि ट्विटर पर भी यह मुद्दा गरमाया हुआ है कुछ व्यक्ति कांग्रेस का समर्थन करते नजर आ रहे हैं और कुछ कांग्रेस की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने संबोधन के दौरान भी पंडित नेहरू के योगदान को याद किया था। इस मुद्दे को लेकर पक्ष और विपक्ष में काफी तनातनी बनी हुई है।

इस मामले को लेकर अभी तक कोई भी जवाब नहीं आया था लेकिन अब आ गया है । आईसीएचआर के अध्यक्ष ओम जी उपाध्याय ने एक चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि इस विवाद में कोई दम नहीं है क्योंकि आईसीएचआर का इरादा किसी को कमतर साबित करने का नहीं है।

वे कहते हैं कि अभी हमारे पास जिन व्यक्तियों की फोटो को पोस्टर में साझा किया गया है उन 8 लोगों के अलावा 16 या 24 चेहरे भी सामने आएंगे तो उसने पंडित जवाहरलाल नेहरू जी भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं था कि नेहरू की तस्वीर को हटाया जाए। सिर्फ यही कोशिश की थी जिन लोगों ने आजादी की लड़ाई में अपना योगदान दिया था और जिन्हें अभी तक कोई महत्व नहीं दिया जाता था।

उन लोगों को तस्वीर के जरिए याद दिलाना ताकि हम उनके योगदान को ना भूल सके और उनका महत्व भी बढ़े।भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मुरलीधर ने भी कांग्रेस को जवाब देते हुए कहा उन्हें मोदी जी के 75 वें स्वतंत्रता दिवस के भाषण को याद करना चाहिए। जिसमें पीएम मोदी ने लाल किले के संबोधन में खुद पंडित नेहरू को याद किया था तो इस तरह का विवाद पैदा करने की क्या जरूरत है।