कांग्रेस में आये बिना उसकी “रणनीति” बना रहे हैं पीके?

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Asad Shaikh

कांग्रेस ने हमेशा से ही दो चेहरों पर काम होता आया है पहला होता है “फेस” जिस पर राजनीति होती है। जिसके नाम पर राजनीति होती है,उसको लोग चाहते हैं पसन्द करते हैं और अपना “नेता” मानते हैं। शहर दर शहर और गली कूचों तक पोस्टर और बैनर से हर जगह उसी का नाम होता है। जैसे नरेंद्र मोदी,अरविंद केजरीवाल,अखिलेश यादव या ममता बनर्जी जैसे बड़े नेता इनमें शामिल हैं।

दूसरा चेहरा होता है पर्दे के पीछे वाला जो रणनीति बनाता है। हर चुनाव की हर मुद्दे की,अच्छे की और कभी कभी बुरे की भी। यानी पर्दे के पीछे से ये सब कुछ “चेहरे” के लिए हैंडल करता है। इसे ही “रणनीतिकार” कहते हैं। हाल ही में जिस दिग्गज नेता अहमद पटेल का निधन हुआ है वो कांग्रेस के लिए यही रणनीतिकार थे। जिन्होंने बेकडोर से बुरे से बुरे वक्त में कांग्रेस को संभालने का काम किया था।

अब एक ऐसे ही नए नाम की चर्चा है कांग्रेस में,वो हैं पीके,प्रशांत किशोर। ये वहीं प्रशांत किशोर हैं जो तमाम मशीनरी और मीडिया नैरेटिव के खिलाफ ममता बनर्जी को तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाने का काम अपने रणनीति के साथ कर रहे थे। अब चर्चा ये है कि “पीके” राहुल गांधी के लिए काम करते हुए जिगनेश मेवाणी और कन्हैया कुमार को कांग्रेस में लाने के रास्ते बना रहे हैं।

कौन हैं कन्हैया और जिगनेश?

जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय दिल्ली के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार फिलहाल “देशद्रोह” का मुकदमा झेल रहे हैं। 2015 में जेएनयू में हुए एक कार्यक्रम में कथित तौर पर विवादित नारे लगाए गए थे जिनका आरोप तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया पर भी लगाया था। इसके बाद इन्हें जेल भी जाना पड़ा था और फिर ज़मानत पर जब वो बाहर आये थे तो एक प्रसिद्ध नेता के तौर पर स्थापित हो गए थे।

अभी हाल ही में ये खबर आई थी कन्हैया कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं और उसका हिस्सा बनने के साथ यूपी चुनावों में पार्टी के लिए प्रचार भी कर सकते हैं। जिसके बाद नए नए समीकरण बनते हुए दिख रहे थे।

जिगनेश मेवाणी गुजरात के वो लीडर हैं जिन्होंने दलित समाज के एक बहुत बड़े आंदोलन को ज़मीन से शुरू किया था। जब अनुसूचित जाति के कुछ युवाओं पर हमले हुए थे। इसके खिलाफ आवाज़ उठाते हुए जिगनेश एक नेता की तरह से स्थापित हुए थे। 2018 के विधानसभा चुनावों में जिगनेश ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर VADGAM विधानसभा से पर्चा भरा था और जीत कर विधायक भी बने थे।

अब चर्चा ये है कि अगले साल होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों में जिगनेश विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ते हुए नज़र आ सकते हैं। क्योंकि कांग्रेस को युवाओं की गुजरात मे जरूरत है इसलिए जिगनेश जैसे नाम उनके लिए मुफीद साबित होंगे।

क्या है राहुल की रणनीति?

ज़ी न्यूज़ की खबर के मुताबिक ये आईडिया प्रशांत किशोर का है जिससे आने वाले दिनों में कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बहुत मदद मिल सकती है। गुजरात राज्य इसमें से एक है जहां जिगनेश और हार्दिक जैसे युवा नेताओं को पार्टी फ्री हैंड दे सकती है और चुनावी केम्पेन उनके हाथ मे दे सकती है।

 

हीं चर्चा ये भी है कि खुद प्रशांत किशोर भी कांग्रेस का दामन जल्द से जल्द थाम सकते हैं,लेकिन फिलहाल बिना पार्टी में आये हुए ही उन्होंने अपना काम शुरू ज़रूर कर दिया है ये नज़र आने लगा है। बाकी आने वाले कुछ दिनों में कुछ चौंकाने वाली खबरें आ सकती हैं।