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पहली बार खुलकर बोले "कुमार विश्वास"

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कवि और आम आदमी पार्टी नेता कुमार विश्ववास ने खुलकर इंडिया टीवी के महशूर कार्यक्रम ‘आप की अदालत’ अपनी बातें रखी. और धुआंधार तरीके से अपने काव्य अंदाज़ में अपने जवाब दिए.
आपको राज्यसभा क्यों नहीं मिली?, इसके जवाब में कुमार ने कहा कि

‘मेरे लहज़े में जी-हुज़ूर न था

इससे ज़्यादा मेरा कसूर न था’. 

सुशील गुप्ता के कुमार के मर्यादा में रहने वाले को उत्तर देते हुए कुमार ने कहा कि

‘हमारी मलाई खाए हुए कुत्ते ही शेरों पर भौंक रहे है”.  

 नवीन जयहिंद के इस ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि


”जिस भी कार्यकर्ता ने यह बोला है की सुशील गुप्ता जी हरियाणा जितवाएँगे, यह हमारे नेता केजरीवाल का अपमान है। क्या वो इतना कमज़ोर चेहरा हो गये की उनकी अपनी होम स्टेट के लिए और कोई पॉपुलर चेहरा चाहिए?”
केजरीवाल के छोटा भाई बताने पर कुमार बोले कि ‘उन्होंने” अन्ना जी को अपना बाप बताया, योगेन्द्र यादव  बड़ा भाई बताया और अब मुझे अपना छोटा भाई कहा है, तो ये सब शुरू हो गया. मेरा अनुरोध है कि वो इस तरह से अपना परिवार बढ़ाने के बजाए पार्टी को बड़ा करने पर विचार करें.’
गोपाल राय की तख्तापलट के साजिश के आरोपों पर कुमार ने कहा कि ‘आप अब सात महीने बाद कैसे कुम्भकर्णी नींद से जागे, आरोपों में सच्चाई थी तो पहले कार्रवाई क्यों नहीं की?’ 
अंत में अपनी नई कविता के कुछ लाइनें पार्टी के समकालीन हालात पर कही कि

‘हम उस कबीर की पीढ़ी 

जो बाबर-अकबर से नहीं डरा

पूजा का दीप नहीं डरता

इन षड्यंत्री आभाओं से

वाणी का मोल नहीं चुकता

अनुदानित राज्य सभाओं से.

जिसके विरुद्ध था युद्ध उसे

हथियार बना कर क्या पाया?

जो शिलालेख बनता उसको

अख़बार बना कर क्या पाया?