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नया वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स के नियमों में होंगे कई बदलाव

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1 अप्रैल ने नया वित्त वर्ष शुरू हो रहा है.वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया था. जिसमें उन्होंने कई नई घोषणाएं और कई नई सुविधाएं शुरू करने का ऐलान किया था.इनमें से बहुत सी घोषणाएं 1 अप्रैल से लागू हो रही हैं, जबकि कई पुरानी सेवाएं इसी दिन से बंद भी हो जाएंगी. इस तरह से देखा जाए तो आम लोगों की जिंदगी में भले ही कोई बदलाव हो या न हो, मगर इसके असर तो जरूर होंगे.जानिये उन बदलावों के बारे में जिनका आपके लिए जानना है बेहद जरूरी.

LTCG टैक्स फिर से लागू

शेयर बाजार या इक्विटी लिंक्‍ड म्यूच्यूअल फंड में निवेश पर एक साल में अगर 1 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई होती है तो इस पर 10 फीसदी LTCG (लॉग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स) लगेगा. 31 जनवरी 2018 तक हुए मुनाफे टैक्स मुक्त रहेंगे. जो शेयर लिस्टेड नहीं हैं उन शेयर पर किसी तरह का LTCG टैक्स नहीं लगेगा.

स्टैण्डर्ड डिडक्शन

वित्तीय वर्ष 2018 में वेतन और पेंशन क्लास के लोगों को 40 हजार रुपये स्टैण्डर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा. इसके लागू होने के बाद मेडिकल री-इम्बर्समेंट (15000 रुपये) और ट्रांसपोर्ट अलाउंस (19200 रुपए) हट जाएंगे. स्टैण्डर्ड डिडक्शन से सबसे ज्यादा फायदा कम टैक्स देने वालों को मिलेगा.

इनकम टैक्स पर बढ़ेगा सेस

बजट 2018 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इनकम टैक्स पर लगने वाले एजुकेशन और हेल्थ सेस को 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया. आसान भाषा में यह समझें कि आपके कुल इनकम टैक्स पर लगने वाले एजुकेशन सेस पर अब 1 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा.

NPS निकासी पर टैक्स छूट

NPC (नेशनल पेंशन सिस्टम) में जमा पैसे निकालने का लाभ अब उन्हें भी मिलेगा जो कर्मचारी नहीं हैं. मौजूदा वक्त में NPS में योगदान देने वाले कर्मचारी को ही अकाउंट बंद होने या NPS से निकलते वक्त उन्हें देय कुल रकम के 40 फीसदी राशि टैक्स छूट मिलती है. लोगों को यह फायदा 1 अप्रैल से मिलने लगेगा.

PMVVY पर मिलेगी टैक्स छूट

PMVVY (प्रधानमंत्री वय वंदना योजना) के तहत निवेश की सीमा को 7.5 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है. इस योजना के तहत जमा राशि पर 8 फीसदी का निश्चित ब्याज मिलता है. इस योजना को बढ़ाकर 2020 तक कर दिया गया है.

हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स छूट

अब साल भर से ज्यादा के हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर उतने साल की छूट मिलेगी जितने साल के लिए पॉलिसी ली गई है. इसे ऐसे समझें, दो साल के इंश्योरेंस कवर के लिए 40,000 रुपये देने पर इंश्योरेंस कंपनी अगर 10 फीसदी छूट दे रही है तो आप दोनों साल 20-20 हजार रुपये का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.

बुजुर्गों को मिलेगी ज्यादा छूट

बुजुर्ग लोगों को बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा रकम से मिले 50 हजार रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री कर दिया गया है. मौजूदा वक्त में इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80TTA के तहत किसी व्यक्ति को ब्याज से हुए 10,000 रुपये तक के लाभ पर टैक्स छूट मिलती रही है.

इलाज खर्च पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ी

80DDB के तहत गंभीर बीमारियों में हुए इलाज खर्च पर 1,00,000 रुपए तक टैक्स छूट मिलेगा. मौजूदा वक्त में 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को 80,000 रुपये और 60 से अधिक उम्र के लोगों को 60,000 रुपए की छूट इस मद में दी जाती थी.