ऑनलाइन गेम के नाम पर खुलेआम ऑनलाइन जुए को बढ़ावा दे रही है मोदी सरकार

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इस बार आईपीएल के साथ जमकर ऑनलाइन जुआँ ( Online Gamballing)  से सम्बंधित गेम्स को प्रमोट किया जा रहा है कल पेटीएम (Paytm) पर जो गूगल ने प्रतिबंध लगाया था, वह इसी से जुड़ा हुआ था। लेकिन 4 घण्टे में ही पेटीएम ने गूगल से समझौता कर लिया लेकिन इस घटना ने भारत मे बढ़ती ऑनलाइन स्पोर्ट्स गैंबलिंग (Online Sports Gamballing ) की तरफ हमारा ध्यान खींच लिया है।

‘ऑनलाइन गेमिंग इन इंडिया 2021’ ( Online gaming in india 2021 ) रिपोर्ट में बताया गया कि भारत का ऑनलाइन गेमिंग उद्योग जो 2016 में 29 करोड़ डॉलर का था वह 2021 तक 1 अरब डालर तक पहुंच जाएगा और इसमें 19 करोड़ गेमर्स शामिल हो जाएंगे। लेकिन अब गेमिंग के नाम पर जुआ खिलाया जा रहा है, यदि आप टीवी पर ध्यान दें, तो पाएंगे कि सबसे ज्यादा ऑनलाइन गेम से जुड़े विज्ञापन फैंटेसी क्रिकेट जैसे ड्रीम 11, एमपीएल ओर ऑनलाइन रमी खिलाने वाली कंपनियों के है।

उत्तर भारत मे इसका जोर अपेक्षाकृत कम है लेकिन दक्षिण भारत मे लोग युवाओं में इस ऑनलाइन जुए की प्रवृत्ति से परेशान हो गए हैं, आंध्र प्रदेश सरकार ने तो रमी और पोकर जैसे ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध तक लागू कर दिया है।

कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री वाईएस जगन रेड्डी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ऑनलाइन रमी और पोकर गेम को बैन करने का फैसला लिया गया, आंध्रप्रदेश में अब अगर कोई व्यक्ति ऑनलाइन जुआ आयोजित करते हुआ पाया जाता है तो पहली दफा पकड़े जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा। अगर वही शख्स दोबारा ऐसे करता हुआ पकड़ा जाता है तो उसे दो साल तक की जेल भी हो सकती है। वहीं ऑनलाइन जुआ खेलने वालों को छह महीने तक की सजा हो सकती है।

ऑनलाइन रमी का प्रचलन समाज मे बढ़ता ही जा रहा है माना जाता है कि देश में ऑनलाइन रमी उद्योग के मौजूदा समय में करीब साढ़े पांच करोड़ खिलाड़ी हैं। लॉकडाउन के दौरान घर बैठे लोगो में तेजी से इसका प्रचलन बढ़ा है, फरवरी से मार्च 2020 के बीच ऑनलाइन गेमिंग साइट और ऐप इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 24 फीसद बढ़ गई। जिस तरह से ऑनलाइन गेमिंग का प्रचलन बढ़ रहा है एक दिन गेमिंग इंडस्ट्री म्यूजिक और मूवीज को भी पीछे छोड़ देगी, अब ऑनलाइन गेमिंग को रेगुलेट करने की बात भी उठने लगी है।

लेकिन जिस तरह से समाज मे ऑनलाइन गैंबलिंग का जोर बढ़ रहा है यह अच्छे संकेत नहीं है आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में स्थित पंजाब नेशनल बैंक का एक मामला सुर्खियों में बहुत आया। उस शाखा के कैशियर रवि तेजा ने ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में पहले अपना पैसा बर्बाद किया, फिर कर्ज लेकर गेम खेलने लगा। जब कर्ज का बोझ बढ़ गया और कर्ज देने वाले तकादा करने लगे, जब कर्ज का बोझ बढ़ने लगा तो उसने बैंक में जमा लोगों के पैसे को अपने अकाउंट में ट्रांसफर करना शुरू कर दिया। ऑडिट में जब 1 करोड़ 56 लाख 56 हजार 897 रुपये की कमी पाई गई। जांच में पता चला कि पैसा कैशियर के अकाउंट में ट्रांसफर हुआ है और वहां से ऑनलाइन गेमिंग साइट्स पर ट्रांसफर किया गया। साफ दिख रहा है कि ऑनलाइन गैंबलिंग का जहर युवाओं में अपनी पुहंच बनाता जा रहा है और मोदी सरकार सब कुछ देखते हुए भी चुप होकर बैठी हुई है।