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झारखण्ड के पूर्व मुख्य मंत्री मधु कोड़ा कोयला घोटाले में दोषी करार

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सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को सुनाई करते हुए झारखण्ड के पूर्व मुख्य मंत्री मधु कोड़ा सहित 4 अन्य को कोयला घोटाले में दोषी करार दिया. अदालत ने इस मामले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखण्ड के पूर्व चीफ सेक्‍टरी अशोक कुमार बसु और एक अन्य को साजिश और आपराधिक षड़यंत्र रचने का दोषी पाया है. अदालत दोषियों की सजा पर फैसला गुरुवार को करेगी.
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सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश भरत पराशर ने बुधवार को सभी आरोपियों को फैसला सुनाते वक्‍त अदालत में मौजूद रहने का आदेश दिया था. यह मामला झारखंड में राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक को कोलकाता की विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआईएसयूएल) को आवंटित करने में कथित अनियमिताओं से संबंधित है.
इस मामले में सीबीआई के चार्ज शीट में मधु कोड़ा, एचसी गुप्ता और कंपनी के अलावा, मामले में अन्य आरोपी झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु, दो लोक सेवक — बसंत कुमार भट्टाचार्य, बिपिन बिहारी सिंह, वीआईएसयूएल के निदेशक वैभव तुलस्यान, कोड़ा के कथित करीबी सहयोगी विजय जोशी और चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान का नाम शामिल था.
कौन मधु कोड़ा ?
मधु कोड़ा 2006  से 2008 तक झारखण्ड  के तीसरे मुख्य मंत्री रहे थे. उन्होंने झारखण्ड स्टूडेंट यूनियन पार्टी से राजनीती में अपना कदम रखा. 2000 में भारतीय जनता पार्टी ने विधान सभा चुनाव में उन्हें टिकट दिया था, इस इलेक्शन में जीतकर वह पंचायती राज मंत्री के रूप में पदभार संभाला था. 2005 के विधान सभा इलेक्शन में भाजपा में टिकट देने से इंकार कर दिया था तो निर्दलीय लड़कर चुनाव जीता. बाद में उन्होंने भाजपा को समर्थन दिया और केबिनेट मंत्री बने.
2006 में उन्होंने बीजेपी से अपना समर्थन वापिस लेकर, UPA को समर्थन देकर नयी सरकार का गठन किया और मुख्य मंत्री बने, इसके बाद उनपर कोयला घोटाले का आरोप लगा. और जाँच एजेंसियो ने उन पर 4000 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया.