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कासगंज हिंसा के शिकार, ये तीन परिवार

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उत्तर प्रदेश के कासगंज में भड़की हिंसा ने देश और प्रदेश को हिला कर रख दिया, परन्तु प्रदेश में कासगंज में भड़की हिंसा की वजह से तीन परिवारों पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा है.
इनमें से एक परिवार ने अपना 22 साल का बेटा खोया है, दूसरा नौशाद नाम का एक मजदूर, तीसरे लखीमपुर खीरी निवासी मोहम्‍मद अकरम जोकि अलीगढ़ में अपनी गर्भवती पत्नी से मिलाने कार से जा रहे थे. अकरम और नौशाद  दोनों ही लोग स्‍थानीय अस्‍पतालों में अपनों के जख्‍म ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं. शुक्रवार को भड़की हिंसा में जिस युवक की मौत हुई थी उसका शनिवार को अंतिम संस्‍कार किया गया. इसके बाद एक बार फिर हिंसा भड़क उठी. शनिवार की हिंसा के बाद अब तक 49 लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं.

चंदन गुप्ता

शुक्रवार को संघ समर्थित छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और विश्‍व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा निकाली जा रही तिरंगा बाइक रैली के दौरान हुए संघर्ष में चंदन गुप्‍ता नाम के युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी. मृतक चंदन गुप्ता के माता पिता के अनुसार, वह एक स्‍थानीय कॉलेज से कॉमर्स की पढ़ाई करता था और चंदन  एक स्‍थानीय गैर लाभकारी संस्‍था से जुड़ा था. उसके माता-पिता का कहना है कि वह कंबल बांटने और रक्‍दान जैसी मुहिमों में हिस्‍सा लिया करता था.

नौशाद

नौशाद नाम का एक मजदूर, जो अपने काम से घर लौट रहा था, वह भी गोलीबारी की चपेट में आ गया. उसके पैर में एक गोली लगी. एक स्‍थानीय अस्‍पताल में भर्ती नौशाद ने बताया, ‘मैं उस वक्‍त कुछ नहीं कर सका. जब तक मैं जान पाता, मुझे मेरे पैर में तेज दर्द महसूस हुआ.’ डॉक्‍टरों का कहना है कि वह अब खतरे से बाहर है.

मोहम्मद अकरम

लखीमपुर खीरी निवासी मोहम्‍मद अकरम अपनी कार से कासगंज शहर से होते हुए अपनी गर्भवती पत्‍नी से मिलने अलीगढ़ जा रहे थे जिनका जल्‍द ही ऑपरेशन होने वाला था. तभी भीड़ ने उनकी कार पर हमला कर दिया, उन्‍हें कार से खींच लिया और उनकी आंख निकालने की कोशिश की. किसी तरह वह वहां से बचकर निकले. अलीगढ़ के अस्‍पताल में उनकी आंख का ऑपरेशन हुआ है और वो फिलहाल वहीं भर्ती हैं.
सोशल मिडिया और मिडिया चैनलों  पर एक वीडियो दिखाया जा रहा है. उस मोबाइल वीडियो में दिख रहा है कि सैकड़ों की संख्‍या में युवक हाथों में भगवा झंडे लिए एक गली में खड़े हैं. रिपोर्टों के अनुसार उन्‍हें स्‍थानीय लोगों ने वहां से हटने को कहा, लेकिन उन्‍होंने इनकार कर दिया. वीडियो में उन्‍हें कहते हुए सुना जा सकता है कि वो अपना रास्‍ता नहीं बदलेंगे. वहां नारे लगाए गए, जिसमें कहा गया कि जो कोई भी भारत में रहना चाहता है उसे ‘वंदे मातरम्’ बोलना ही होगा.
रिपोर्ट के अनुसार उसके तुरंत बाद हिंसा शुरू हो गई. हिंसा के दौरान पत्‍थरबाजी हुई और गोलियों की आवाज भी सुनी गई.