महिलाओं के विरुद्ध आपराधिक मामले बढ़ रहें हैं ।

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हर साल 25 नवम्बर को दुनिया भर में इंटरनेशनल डे फ़ॉर दी एलिमिनेशन ऑफ वॉयलेंस अगेंस्ट वीमेन मनाया जाता है। दरअसल, इस दिन महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध को खत्म करने का ढिंढोरा पीटा जाता है। लेकिन उस पर अमल कितना किया जाएगा इसकी गारंटी कहीं नहीं है। हां लेकिन हर साल महिलाओ के साथ अपराध होंते हैं इसका डेटा हर देश मे मौजूद हैं।

अकेले भारत की बात करें तो हर साल NCRB एक डेटा उपलब्ध कराती है। जिसमे क्राइम अगेंस्ट वीमेन का पूरा आंकड़ा दिया जाता है। और यकीन मानिए ये आंकड़ा लाखों में है। NCRB (national crime records burea) के ही मुताबिक 2018 में क्राइम अगेंस्ट विमेन के 3,78, 236 मामले थे। जो 2019 में बढ़कर 4, 5, 326 हो गए। और बीते साल (2020) ये आंकड़ा 3,71, 503 था।


2020 में प्रति दिन 77 रेप केस दर्ज हुए :

2020 की शुरुआत में कोरोना के कारण लॉक डाउन लग गया था, लेकिन फिर भी इस साल महिलाओं के साथ अपराध के मामले में इज़ाफ़ा देखने को मिला। NCRB के मुताबिक 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,71,503 मामले दर्ज हुए जो 2019 के मामले से 8.3 प्रतिशत कम है। हालांकि, बीते साल हर दिन औसतन 80 हत्याएं और 77 रेप केस दर्ज किए गए। वर्ष के दौरान कुल आपराधिक मामले 28,153 थे और रेप के 28, 046 केस दर्ज किये गए।

                              तस्वीर : गूगल

इसमें भी रेप के सबसे ज़्यादा केस राजस्थान (5,310) में दर्ज किए गए। इसके बाद उत्तर प्रदेश में (2,769) मामले, मध्यप्रदेश में 2,339 मामले और महाराष्ट्र में 2061 मामले दर्ज किए गए। 2020 में प्रति लाख महिला पर 56.5 अपराध दर दर्ज की गई। पति या रिश्तेदारों से प्रताड़ित करने की श्रेणी में 1,11, 549 और जबरन अपहरण के 62,300 मामले दर्ज हुए। ncrb के आंकड़ो के हिसाब से महिला का शील भांग करने के 82,392 मामले सामने आए।

क्राइम अगेंस्ट वीमेन में क्या क्या शामिल हैं :

क्राइम अगेंस्ट वीमेन में सार्वजनिक स्थान पर महिला के साथ जबरन यौन उत्पीड़न करना इसमें ज़बरदस्ती करने की कोशिश, गलत तरीके से छूना या अप्राकृतिक बात करना शामिल है। महिला का सौंदर्य नष्ट करने के इरादे या बदले की भावना से उस पर एसिड अटैक करना या करवाना। किसी महिला के साथ जबरन संबंध बनाना (रेप या बलातकार करना)। अपनी यौन उत्तेजना बढ़ाने के लिए प्रोनोग्राफी का सहारा लेना। महिला के साथ घरेलू हिंसा करना या दहेज की मांग जैसे कृत्य शामिल हैं।

इनके लिए IPC (indian pinal code) और SLL (special local law) में कानून भी हैं। इन कानूनों के तहत दोष सिद्ध होने पर जुर्माने और सज़ा का प्रावधान है। इसके अलावा आज कल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का डीप फेक (deepfake) भी काफी चर्चा में है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की एक तकनीक को डीप फेक के नाम से जाना जाता है। जिसके उदहारण सोशल मीडिया पर अधिक देखने को मिले हैं।

दी लल्लनटॉप के मुताबिक डीप फेक का मतलब है डीप लर्निंग + फेक। जिसमे डीप लर्निंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की एक तकनीक हैं। जो ह्यूमन इमेज सिंथेसिस पर काम करता है, इसमें किसी भी व्यक्ति की तस्वीर को कैप्चर कर उसकी हूबहू एक नई तस्वीर बनाई जा सकती है। लेकिन तस्वीर बिल्कुल नकली होती है। इस तकनीक में एक व्यक्ति के चेहरे पर दूसरे व्यक्ति का चेहरा लगाया जा सकता है।

ये एडिटिंग इतनी सफाई से की जाती है कि नीचे वाले चेहरे के हावभाव ऊपर वाले चेहरे पर साफ दिखाई देते है। हॉलीवुड की एंजलीना जोली, वंडर वूमेन वाली गाल गदोत, हैरी पॉटर वाली एमा वॉटसन और थोर वाली मार्जरी इस तकनीक का शिकार हो चुकी हैं। वहीं भारत मे कैटरीना कैफ, ऐश्वर्या राय जैसी बड़ी अभिनेत्रियों के नकली पोर्न वीडियो फैलाने के कोशिश की जा चुकी है।


72 प्रतिशत पीड़िता 18 से अधिक :

विचारणीय बात है की भारत में महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। जिसमे बलात्कार का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। NCRB (  National Crime Records Bureau ) के डेटा के अनुसार 2017 में 32,559 रेप केस दर्ज किए गए थे। यही आंकड़ा 2018 में 33,356 हो गया। वहीं 2019 में ये आंकड़ा 32,033 पर पहुंच गया। 2019 में 2018 के मुकाबले रेप केस में छोटी सी गिरावट दर्ज की गई वहीं क्राइम अगेंस्ट वीमेन में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। एनसीआरबी के मुताबिक 2019 में प्रतिदिन औसतन 87 रेप केस दर्ज हुए।रिपोर्ट के मुताबिक 72.2 प्रतिशत पीड़िता 18 साल से अधिक की हैं वहीं 27.8 पीड़ित लड़कियां 18 साल से कम यानी नाबालिक हैं।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट बताती की 2020 के अगस्त महीने में यूपी, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु से नाबालिक बच्चीयों के साथ बलात्कार के मामले दर्ज हुए है। रिपोर्ट के मुताबिक 14 अगस्त को गोरखपुर में हेड पंप से पानी लाने गयी एक नाबालिक लड़की के साथ दो लोगो ने बलात्कार किया, लड़की के शरीर पर सीरियस इंजरी भी देखी गयी थी। गोरखपुर से ही एक और मामला सामने आया जिसमे एक स्कूल टीचर ने अपनी ही स्टूडेंट का रेप किया और वीडियो भी बनाया। इसके अलावा मध्यप्रदेश में 14 साल की बची के साथ पांच लोगो ने गैंगरेप किया, की खबर भी सामने आई थी। तमिलनाडु में एक पिता अपनी बेटी का रेप कर रहा था, जिसका खुलासा तब हुआ जब लड़की के प्रेग्नेंट होने की खबर मिली।

महिलाओं के लिए कानून :

महिलाओ के विरुद्ध होने वाले आपराधिक मामलों पर आईपीसी और SLL (spacial & local law’s) में कानून बनाए गए हैं। आईपीसी की बात करें तो IPC की धारा 376 में रेप के लिए है, अपहरण के लिए ipc की धारा 363 और 373 है। ipc की धारा 302/304 B में दहेज के लिए प्रताड़ित करना, दहेज के कारण होने वाली मृत्यु और मृत्यु का प्रयास शामिल है। ipc 498 A के अंतर्गत शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शामिल हैं। वहीं ipc 354 में मोलेस्टेशन, 509 में सेक्सुअल हैरेसमेंट है।.


स्पेशल और लोकल लॉज़ में नैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम 1986, दहेज निषेध अधिनियम 1961, विवाह पुनरप्रशिक्षण अधिनियम 1979, महिलाओ का अश्लील प्रदर्शन निषेध अधिनियम 1986 और सती आयोग (1987) शामिल है।