यूपी में धर्म, जाति पर एक मुश्त वोट के इतर क्या महिला फेक्टर से जीत पायेगी कांग्रेस ?

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गुरूवार को कांग्रेस ने यूपी चुनावों में अपने 125 उम्मीदवारों की सूची जारी की. इस लिस्ट में 40% उम्मीदवार महिलाएं हैं, वहीं युवाओं को भी उम्मीदवार बनाया गया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शुरूआत से यूपी में महिलाओं कि भागीदारी को लेकर मुखर रहीं हैं. उन्होंने हमेशा से राजनीति में महिलाओं की 40 फीसदी भागीदारी की वकालत की है. यूपी में “लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ “ का केम्पेन शुरू करने वाली कांग्रेस पहली पार्टी है.

125 उम्मीदवारों की सूची में 50 महिलाएं है. कांग्रेस पार्टी का कहना है कि उनका ये कदम यूपी में एक गेमचेंजर साबित होगा. ये उत्तर प्रदेश में एक नई राजनीति की शुरूआत है. जिन महिलाओं पर अत्याचार हुआ है या जिनका शोषण हुआ है वो अब खुद राजनीति करेंगे. लेकिन ये राजनीति न्याय की, करूणा की, प्रेम की और मानवता की होगी.



पूर्ण रूप से महीलाओं की आवाज़ उठाने वाली कांग्रेस बनी पहली पार्टीः

ये भारत की राजनीति में पहली बार हुआ है की किसी पार्टी ने 40 फ़ीसदी महिलाओं को टिकट दिया हो. यूपी में कांग्रेस की ओर से जो लिस्ट जारी की गई है उसमे उन महिलाओं को टिकट दिया गया है जिन्होनें अत्याचार सहा है. इनमें आशा सिहं, रितू सिहं, पूनम पांडेय, सदफ़ जफ़र और अल्पना निषाद है. इसके आलावा 125 में 45 युवा हैं जो युवाओं का कुल 40 फीसदी है. इसमें सबसे पहला नाम रामराज गोंड का है. कांग्रेस लागातार इस बात को कहती रही है कि, कांग्रेस उन महिलाओं, दलित, पिछड़े, और उस व्यक्ति के साथ है जो अत्याचार का शिकार हुआ है, जिसे मारा गया है, कुचला गया है, दबाया गया है.



कौंन हैं ये महिलाएं जिन्हें कांग्रेस ने दिया है टिकटः


कांग्रेस कि उम्मीदवारों कि लिस्ट में जो महिलाएं सबसे ज्यादा चर्चा में रहीं है, उनमें पहला नाम आशा सिहं का है. आशा सिहं उन्नाव कि उस रेप पिड़िता की माँ है जिसका बलात्कार 2019 में उन्नाव से भाजपा विधायक कुलदिप सिहं सेंगर ने किया था. अब आशा सिहं को कांग्रेस ने उन्नाव से हि टिकट दिया है.

उन्नाव रेप पीड़िता की मां आशा सिंह ( तस्वीर : सोशल मीडिया)

कांग्रेस ने पूनम पांडेय को भी टिकट दिया है. पूनम पांडेय वो आशा वर्कर हैं जिन्होने कोरोना मे अपनी जान कि परवाह किये बिना प्रदेश भर में आशा वर्करों के साथ अपनी ड्यूटी की. शाहजहाँपुर कि पूनम पांडेय जब मुख्यमंत्री के पास आशा वर्कर्स का मनोदय बढ़ाने कि मांग को लेकर पंहुची तो उन्हें पीट-पीट कर उनका हाथ तोड़ दिया गया. अब शाहजहाँपुर से ही कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया है.


लाखीमपुर से रितू सिहं को टिकट दिया गया है. रितू सिहं वो प्रत्याशी हैं जिन्होने ब्लाक प्रमुख का चुनाव लड़ने कि हिम्मत जुटाई थी. लेकिन भाजपा सर्मथकों द्वारा उन्हें चुनाव लड़ने से रोकने के लिए बीच सड़क पर उनके कपड़े फ़ाड़ दिए गए.

कांग्रेस कि अगली महिला प्रत्याशी सदफ जफर है. सदफ जफ़र को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ़ प्रदर्शन करने के दौरान झूठे मुकदमें लागाकर जेल में डाला गया. सदफ़ जफर ने बताया था कि उन्हें पुरूष पुलिस ने बुरी तरह पीटा था. सदफ को लखनऊ से टिकट दिया गया है.

शाहजहांपुर की आशा वर्कर पूनम पांडेय के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (तस्वीर : सोशल मीडिया)


अल्पना निषाद, निषाद कम्यूनिटी से आती हैं. प्रयागराज के बसवार में खनन माफ़िया द्वारा निषादों को नदियों से बालू लेने से मना करने और पुलिस द्वारा उनकी पिटाई करने के खिलाफ़ अल्पना निषाद ने आवाज़ उठाई थी.

सोनभद्र से रामराज गोड़ को टिकट दिया गया है. उम्भा में आदिवासियों का दबंगों द्वारा नरंसंहार के खिलाफ़ रामराज गोड़ ने आवाज़ उठाई थी. अब कांग्रेस की टिकट से वहां चुनाव लड़ेंगे.



माहिला फेक्टर से यूपी जीत पाइगी कांग्रेस ?


यूपी के चुनावों में जाति और धर्म गहरा प्रभाव रखते हैं. विधानसभा चुनाव हों या लोकसभा चुनाव यूपी में जाति फेक्टर हमेशा काम करता है. यहाँ एक मुश्त वोट जाति और धर्म के आधार पर पड़ता है. यादव वोट बैंक सपा की पेटी मे गिरता है, राजभर वोट सुभासपा के लिए फ़िक्स है. बी.एस.पी. के खाते में दलित वोट बैंक हैं , तो मुस्लिम कम्यूनिटी वोट के लिए इस बार असद्दुदीन ओवेसी अखाड़े में उतरे हैं.

ऐसे में कांग्रेस का महिला फेक्टर काम करेगा या नहीं इस पर कहना मुश्किल हैं. हालाँकि, कांग्रेस कि तरफ़ से कहा गया है कि अगर हम चुनाव नहीं भी जीते तो भी कांग्रेस यूपी में लागातार काम करेगी और महिलाओं, दलितों, पिछड़ों के लिए काम करती रहेगी.

कांग्रेस माहासचिव प्रियंका गांधी ने इस बात को कोट करते हुए कहा, “हमारा संधर्ष एक बड़ा संधर्ष हैं, ये सत्ता का नहीं ब्लकि विचारधारा का संधर्ष हैं और इसे हम मज़बूती से लड़ेगे “