राकेश टिकैत का ऐलान 35 महीने चलेगा आंदोलन

Share
Avatar

दिल्ली के यूपी गेट के आंदोलन स्थल पर एक बार फिर से सुबह सात बजे से ही जमा होना शुरू हो गए,सुबह के साढ़े सात बजे से तीन गाड़ियां दिल्ली जाने के लिए तैयार हो गईं। इस मौके पर फिर राकेश टिकैत ने ये कहा कि सरकार को हर हाल में इन कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा।

उन्होनें कहा है कि सरकार की मनमानी के खिलाफ यह लड़ाई यूँ ही चलती रहेगी और हम लोग अपना हक लेकर ही रहेंगें, विपक्षी दलों के सांसदों से हमारी मांग है कि वह संसद छोड़कर ना आएं, बल्कि संसद के अंदर रहकर ही अपना विरोध दर्ज कराएं।

आनंद विहार बार्डर पर लगा जाम

प्रर्दशनकारियों के दिल्ली की ओर रुख करने की सूचना पर दिल्ली पुलिस ने आनंद विहार और ज्ञानी बार्डर पर भी चेकिग बढ़ा दी गयी है,गाड़ियों को जांच के बाद ही दिल्ली में प्रवेश दिया गया।

ऐतिहासिक आंदोलन है किसान आंदोलन

बीते लगभग 8 महीनों से चल रहा किसान आंदोलन अभी तक चल रहा है और अगर ये कह दिया जाए कि पूरी ताक़त और क्षमता से चल रहा है तो ये भी गलत नहीं होगा,क्योंकि इन किसानों ने दिल्ली की कपकपाती हुई ठंड से लेकर 45 डिग्री से ज़्यादा की गर्मी सड़कों ही पर गुज़ारी है।

इसमें एक बात और गौर करने की है और वो ये है कि ऐसा शायद ही दुनिया भर के इतिहास में पहले हुआ हो जहां देश की राजधानी मे कोई आंदोलनकारी लगभग 8 महीनों तक रुके रहे हो,ये भी पहली ही बार मुमकिन हो पाया है और सही मायनों में तो ये भी एक रिकॉर्ड ही है।

अब देखना ये भी है सरकार का आगे इस आंदोलन के मद्देनजर क्या रुख होने वाला है,बीती सभी बातचीत बिना हल के खत्म हो गयी,और आगे बात करने को लेकर अभी तक कोई खबर नही है,ऐसे में किसानों का दिल्ली की तरफ बढ़ना सरकार को फिर से बातचीत करने की तरफ बढ़ा सकता है।

दिल्ली पुलिस को मिले और अधिकार

दिल्ली में 15 अगस्त को ध्यान में रखते हुए हर साल चौकसी बढ़ा दी जाती है,और लाल किला के आस पास की मार्किट को बंद कराया भी जाता है ये सुरक्षा के मद्देनजर किया जाता रहा है,लेकिन इस बारे 26 जनवरी के बवाल को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस और ज़्यादा चौकन्नी है।

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने “नेशनल सिक्योरिटी एक्ट” 1980 की धारा-2 के अंतर्गत दिल्ली पुलिस को किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार दिया जाता है, यह अधिकार 19 जुलाई से लेकर 18 अक्तूबर तक लागू रहेंगे।

इसके मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर किसी व्यक्ति पर कार्यवाही हो सकती है,और किसानों का आंदोलन भी इसी वक्त चल रहा है,यही वजह है कि इन दोनों कारणों को साथ साथ रख कर देखा जा रहा है,हालांकि ये अधिकार पहली भी दिया जाता रहा है।