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"एमपी अजब है, यहाँ के अफ़सर और नेता सबसे गजब हैं"

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मध्यप्रदेश सरकार की टैगलाइन है ‘एमपी गजब है’. परन्तु  यहां कभी-कभी ऐसी घटनाएं हो जाती हैं जिसे जानने के बाद मानना पड़ता है कि सच में एमपी गजब है. पहले सरकार के मुख्या गिफ्ट्स बंटते है और अधिकारी बाद में उसे वापिस ले लेते हैं. फिर भेद खुलने पर जाँच का आश्वासन दिया जाता है, कुछ ऐसा ही चल रहा है, मध्यप्रदेश में.

मध्यप्रदेश सरकार की टैगलाइन है ‘एमपी गजब है’

मध्यप्रदेश सरकार की टैगलाइन है ‘एमपी गजब है’. परन्तु  यहां कभी-कभी ऐसी घटनाएं हो जाती हैं जिसे जानने के बाद मानना पड़ता है कि सच में एमपी गजब है.
  • मध्य प्रदेश में 9 दिसंबर को शिवपुरी के सेसई गांव में सहरिया आदिवासी सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी लड़कियों को देवी मानते हुए पैर धोए थे.
  • इसके बाद सीएम ने उन्हें गिफ्ट्स और पैसे भी बांटे.
  • लेकिन सेसई गांव के निवासियों ने कहा कि, जब सीएम वहां से चले गए तो जिला अधिकारियों ने गिफ्ट और पैसे लड़कियों से वापस ले लिए.


वहीं गांववालों के इस आरोप पर शिवपुरी के कलेक्टर ने कहा कि, ‘गांववालों को जरूर कोई भ्रम हुआ है, सीएम ने 2100 रुपए नहीं बल्कि 100 रुपए बांटे गए थे. यही नहीं सीएम शिवराज ने स्वेटर भी बांटे थे.’
इसके साथ ही कलेक्टर ने बतााय कि, ‘मामले की जांच की जा रही है और उस अधिकारी की भी तलाश की जा रही जिन्होंने लोगों से गिफ्ट और पैसे वापस मांग लिए.’