मुख्तार अंसारी के भाई के बाद अब बेटे अब्बास अंसारी होंगे सपा में शामिल

Share
Avatar

2017 में “साफ छवि” का नारा देने वाले अखिलेश यादव अब बदले बदले से लग रहे हैं। एक वक़्त में जहां वो अपराधी छवि वाले नेताओं के पार्टी में आने का विरोध करते थे। अब वो उन्हीं को पार्टी जॉइन करा रहे हैं। बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी को पार्टी में शामिल कराने के बाद अब मुख्तार अंसारी के बेटे और शूटिंग में नेशनल लेवल के खिलाड़ी अब्बास अंसारी भी अब समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं।

अखिलेश यादव 2022 के चुनावों की तैयारियों में जोरों शोरों से लगे हुए हैं। संग़ठन में बदलाव से लेकर पुराने नेताओं को वापस पार्टी में लाने तक वो अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं। इसलिए लगातार पुराने नेताओं का पार्टी में आना जारी है। इसी के साथ साथ वो पुराने रंग ढंग को भो बदलने में लगे हुए है। जिसमें पूर्वांचल के क्षेत्र में अपना दबदबा रखने वाले अंसारी परिवार का समाजवादी पार्टी में आना भी शामिल है।

2017 के विधानसभा चुनावों से अखिलेश यादव “विकास” के एजेंडा पर चल रहे थे. उन्हें लग रहा था 2012 से अब तक हुआ विकास कार्य उन्हें फिर से जीत दिला देगा. इसी रणनीति के तहत उन्होंने चाचा शिवपाल यादव के द्वारा क़ौमी एकता दल यानी मुख्तार अंसारी और अफ़ज़ाल अंसारी की पार्टी के सपा में विलय और उनके पार्टी में आने का जबरदस्त विरोध किया था। जिसके बाद शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच पड़ी खटास साफ नजर आने लगी थी।

अब वक्त बदल गया है

लेकिन अखिलेश यादव ने अब पुरानी गलतियों से सबक़ लिया है. उन्हें ये समझ आने लगा है कि सिर्फ विकास के मुद्दे के बल पर आप चुनाव नहीं जीत सकते हैं. आपको क्षेत्रीय नेताओं और मज़बूत जनाधार वाली शख्सियतों को पार्टी में जोड़ना ही होगा। इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी रणनीति को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। क्योंकि समाजवादी पार्टी 2017 और 2019 के चुनावों में बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई है।

इसी बदलाव के तहत उन्होंने बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बेटे और 2017 में घोसी विधानसभा से प्रत्याशी रहें अब्बास अंसारी भी अखिलेश यादव द्वारा समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं। पहले ही उनके चाचा सिबगतुल्लाह के सपा में जाने के बाद ये अटकलें लगाई जा रही थी जिस पर अब मुहर लग सकती है।

क्यों आ रहे हैं अंसारी परिवार वाले पार्टी में?

अंसारी परिवार का यूपी के पूर्वांचल में दबदबा है. मुख्तार अंसारी जेल में हैं लेकिन मऊ विधानसभा से विधायक हैं। उनके बड़े भाई अफ़ज़ाल अंसारी( Afzal Ansari) गाज़ीपुर लोकसभा से बसपा के सांसद हैं। वहीं सिबगतुल्लाह अंसारी मुहम्मदबाद विधानसभा से दो बार 2007 और 2012 में विधानसभा पहुंचें थे।

 

इसके अलावा मुख्तार अंसारी के बेटे 2017 के विधानसभा चुनाव में घोसी विधानसभा से प्रत्याशी रहे थे हालांकि वो जीतने में नाकामयाब रहे थे लेकिन हार महज़ 7 हज़ार वोटों से ही हुई थी। यही वो वजह हैं कि समाजवादी पार्टी इस परिवार को नजरअंदाज नहीं कर पा रही है। क्योंकि बनारस,गाज़ीपुर, चन्दौली से लेकर आजमगढ़ और बलिया जैसे ज़िलों में उनका दबदबा है।

सपा के प्रवक्ता ने क्या कहा है?

सपा प्रवक्ता विवेक साइल्स का कहना है कि समाजवादी पार्टी किसी गुंडे या खराब छवि के व्यक्ति को पार्टी में शामिल नहीं होने देगी. यह बात साफ है कि मुख्तार अंसारी पर केसेस हैं, लेकिन अगर किसी का पिता डॉन हो तो जरूर नहीं है कि बेटा भी वैसा ही निकले. अब्बास अंसारी को पार्टी में शामिल करना है या नहीं, यह फैसला सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और कोर कमेटी करेगी.