चंडीगढ़ निगम चुनाव में बड़ा चेहरा बनकर उभरी ‘आप’

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चंडीगढ़ निगम चुनाव के नतीजे आ चुके हैं, जिसमें आम आदमी पार्टी ने सबको हैरान कर दिया है। महज 3 महीनों से निगम चुनाव में सक्रिय पार्टी ने बड़ी उलटफेर की है। इस बार 35 सीटों वाले निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है जिसमें 14 सीटों के साथ झाड़ू ने बाकी पार्टियों को साफ़ कर दिया है।

चंडीगढ़ निगम में काँग्रेस व भाजपा दोनों का ही लंबा शासनकाल रहा है, ऐसे में यह किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि एक नए चेहरे को जनता से इतना समर्थन मिलेगा।

देखा जाए तो इसमें जहां काँग्रेस को उसकी राष्ट्रीय नकारात्मक छवि महंगी पड़ी वहीं भाजपा को किसान आंदोलन का मूल्य चुकाना पड़ा। आम आदमी पार्टी की बात की जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा कि जनता उनकी ‘काम’ वाली छवि से प्रभावित हुई।

आम आदमी पार्टी वैसे तो 90 दिनों से ही सक्रिय दिखाई दी लेकिन इन कम दिनों में भी कोने-कोने तक प्रचार करने में या यूं कहें कि जनता तक पहुँचने में उन्होंने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।

आम आदमी पार्टी का सोशल मीडिया तंत्र भी इस चुनाव प्रचार में काफी मजबूत दिखा, जिसकी ज़िम्मेदारी चुनाव नीति नाम की प्राइवेट एजेंसी को दी गई थी। चुनावनीति लंबे समय से पॉलिटिकल पीआर के क्षेत्र में सक्रिय है और लोकसभा से लेकर कई राज्यों में मुख्य चुनाव एवँ उप-चुनावों में नेताओं व पार्टियों की जीत की हिस्सेदार बनी है।

पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से लेकर प्रभारी जरनैल सिंह तक सभी ने लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज की व चुनाव में अपनी पकड़ बनाये रखी, जिसका नतीजा आज सबके सामने है।

बहरहाल चंडीगढ़ निगम चुनाव के नतीजों के बाद दो बातें कहना अतिश्योक्ति नहीं होंगी कि आम आदमी पार्टी वाकई लोगों के दिलो-दिमाग में काम वाली राजनीति की छवि कायम करने में सफल हो रही है और वर्तमान चुनाव प्रचार में सोशल मीडिया की ताकत एक अलग स्तर पर पहुँच चुकी है।