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बलात्कार के मामलों में मध्यप्रदेश देश में अव्वल, अन्य अपराधों में भी दूसरे राज्यों से आगे – NCRB

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भोपाल:  नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की वर्ष 2015 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में बालिकाएं और महिलाएं देश में सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं.  रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में महिलाओं के लिए कई जगह स्थिति  नरक जैसी है, राज्य में देश में सबसे ज्यादा 4391 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार बनी हैं. मध्यप्रदेश ने सरकार इसे दुखद करार दिया है और अपना बचाव करते हुए कहा है कि राज्य में हर शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज की जाती है, इसलिए संख्या ज्यादा है. राज्य की महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा है, ‘राज्य में हर शिकायत पर प्रकरण दर्ज किया जाता है, इसलिए संख्या ज्यादा लगती है. इन घटनाओं में बड़ी संख्या में परिचितों व परिजनों के शामिल होने की बात भी सामने आई है, इसलिए ऐसे मामले रोकने के लिए सरकार के साथ समाज को आगे आना होगा.’
एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट वर्ष 2014-15 की अवधि को लेकर सामने आई है. यह रिपोर्ट बताती है कि देश के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दुष्कर्म की 34,651 वारदातें हुई हैं. इनमें सबसे ज्यादा वारदातें 4,391 मध्य प्रदेश में हुई हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो एक बात साफ हो जाती है कि राज्य में औसतन हर रोज 12 युवतियां दुष्कर्म का शिकार बन रही हैं. वहीं एक वर्ष में राज्य में 57 मामले दुष्कर्म की कोशिश के दर्ज किए गए हैं और यौन उत्पीड़न के 12,887 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, इसी अवधि में महाराष्ट्र में 4,144, राजस्थान में 3,644, उत्तर प्रदेश में 3,025 दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए. देश में लक्ष्यद्वीप ऐसा राज्य (केंद्र शासित) है, जहां न तो दुष्कर्म का कोई मामला दर्ज हुआ और न दुष्कर्म के प्रयास का ही.
मध्य प्रदेश की पहचान महिलाओं एवं बालिकाओं  से  सम्बंधित जनहितैसी योजनाओं के सुचारू  सञ्चालन की है, पर इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि मध्यप्रदेश महिलाओं से सम्बंधित अपराध अपनी चरम सीमा पर हैं. प्रदेश में बालिका जन्म को प्रोत्साहित करने से लेकर महिला सशक्तिकरण के लिए लाडली लक्ष्मी योजना, लाडो योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री साइकिल योजना तो संचालित हो रही है, साथ में युवतियों को आत्मसुरक्षा के लिए सक्षम बनने हेतु शौर्या दल बनाए जा रहे हैं, मगर महिला अपराधों को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं, वे कई सवाल खड़े करते हैं.
अन्य अपराधों  के मामलों में भी मध्यप्रदेश दूसरे राज्यों को  पीछे छोड़ता  नज़र आ  रहा है, एनसीआरबी के अनुसार, राज्य में एक वर्ष में 2,339 हत्याएं हुई हैं और 2,590 हत्या के प्रयास किए गए हैं. इससे जाहिर होता है कि राज्य में हर रोज औसतन छह हत्याएं हो रही हैं.