ओपिनियन

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नज़रिया – बस इतना ही कहूँगा की "फरिशता लौट आया है"

  • April 29, 2018

ऑक्सीजन कि कमी के कारण बच्चों को तङपता देख एक डॉक्टर ने रात में भागदौड़ कर गैस सिलेंडर का इंतेज़ाम किया, सुबह तक अपनी गाड़ी में...

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Md Zakariya khan
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ज़रा सोचियेगा ! अगर तुम्हारी बेटी या बहन रेप की शिकार हो जाएँ तो ?

  • April 29, 2018

शर्म और हया जिसे इस्लाम में ईमान का एक हिस्सा कहा गया है. तुम्हें वो शर्म भी नहीं आई, तुम उस बच्ची गीता को भाभी कह...

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नज़रिया – ये सारे शहर में दहशत सी क्यूँ है?

  • March 26, 2018

कुछ सालों से भारत में धार्मिक त्यौहार एक त्यौहार के तौर पर नहीं मनाकर धौंस, धमकी, भयभीत करने और अपना मानसिक प्रदूषण निकालने का जरिया ज़्यादा...